India News (इंडिया न्यूज़),MP Ujjain News: उज्जैन धार्मिक पर्यटन का मुख्य केंद्र बन चुका है। महाकालेश्वर मंदिर के नवविस्तारित क्षेत्र ‘श्री महाकाल महालोक’ बनने के बाद यहां प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं। मंदिर प्रबंध समिति की रिपोर्ट के अनुसार, जहां पहले प्रतिदिन 24-25 हजार लोग आते थे, अब यह संख्या बढ़कर एक लाख तक पहुंच गई है। महाशिवरात्रि और नागपंचमी जैसे पर्वों पर यह संख्या 3 लाख से भी अधिक हो जाती है।

अन्य धार्मिक स्थल और आकर्षण

उज्जैन में केवल महाकालेश्वर मंदिर ही नहीं, बल्कि कालभैरव, मंगलनाथ, चिंतामण, हरसिद्धि और गढ़कालिका जैसे प्रसिद्ध मंदिर भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम, शिप्रा तट का रामघाट और कालियादेह पैलेस भी पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण केंद्र बने हुए हैं।

आगामी योजनाएं और विकास

मध्य प्रदेश सरकार उज्जैन को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से और भी सशक्त बनाने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। सांदीपनि आश्रम को ज्ञान अर्जन का केंद्र बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। औषधीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय में प्रदेश का सबसे बड़ा हर्बल गार्डन बनाया जा रहा है। इसके अलावा, 80 करोड़ रुपये की लागत से वीर भारत संग्रहालय का निर्माण और श्री महाकाल महालोक के दूसरे चरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है।

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आर्थिक वृद्धि और मंदिर की आय

महाकालेश्वर मंदिर की आय में भी बढ़ोतरी देखी गई है। वर्ष 2019-20 में मंदिर की वार्षिक आय 51 करोड़ रुपये थी, जो 2023-24 में बढ़कर 218 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

ओंकारेश्वर में भी वृद्धि

उज्जैन के महाकाल लोक बनने के बाद खंडवा स्थित ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग में भी श्रद्धालुओं की संख्या तीन गुना बढ़ गई है, जहां अब प्रतिदिन 40 से 55 हजार लोग दर्शन करने आ रहे हैं।

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