मध्य प्रदेश

NEET PG काउंसलिंग के दूसरे चरण पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, रजिस्ट्रेशन पोर्टल खोलने का आदेश

India News (इंडिया न्यूज), NEET PG Counseling: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने नीट पीजी काउंसलिंग के दूसरे चरण के सीट आवंटन परिणाम पर रोक लगा दी है। जबलपुर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने यह आदेश दिया। इसके साथ ही न्यायालय ने याचिकाकर्ता सेवारत डॉक्टरों के लिए काउंसलिंग में सम्मिलित होने का मौका देने के उद्देश्य से रजिस्ट्रेशन पोर्टल फिर से खोलने का निर्देश दिया है।

15 से ज्यादा डॉक्टरों ने दायर की याचिका

यह मामला डॉ. आयुष श्रीवास्तव सहित 15 अन्य चिकित्सकों द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि 4 जनवरी 2025 को नीट पीजी काउंसलिंग में सम्मिलित होने के लिए आवश्यक क्वालीफाई पर्सेंटाइल को घटा दिया गया था। इसके बाद सामान्य और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के उम्मीदवारों को 15 या उससे अधिक पर्सेंटाइल के आधार पर काउंसलिंग में सम्मिलित होने का हक मिल गया था। वहीं, आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए यह पर्सेंटाइल 10 या उससे अधिक होनी चाहिए।

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रजिस्ट्रेशन पोर्टल किया था बंद

काउंसलिंग के दूसरे चरण के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल 3 जनवरी को बंद कर दिया गया था, जबकि 4 जनवरी को नए मापदंड लागू किए गए थे। याचिका में आरोप लगाया गया कि पोर्टल बंद होने के कारण पात्र होने के बावजूद इन डॉक्टरों को आवेदन करने का मौका नहीं मिल पाया। ऐसे में उन्होंने हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि उन्हें काउंसलिंग के दूसरे चरण में सम्मिलित करने का अवसर दिया जाए।

तर्क किए प्रस्तुत

याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता आलोक बागरेचा और विशाल बघेल ने तर्क प्रस्तुत किया कि यह स्थिति उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। दूसरी तरफ, शासन की ओर से यह दावा किया गया कि काउंसलिंग का दूसरा चरण पूरी होने वाला है और नए मापदंड के आधार पर पात्र उम्मीदवारों को अगले मॉप-अप राउंड में सम्मिलित किया जा सकता है।

दूसरे चरण के सीट आवंटन परिणामों पर रोक

हाईकोर्ट ने इस मामले में अपने अंतरिम आदेश में दूसरे चरण के सीट आवंटन परिणामों पर रोक लगा दी। इसके साथ ही सरकार को निर्देशित किया कि काउंसलिंग के रजिस्ट्रेशन पोर्टल को फिर से खोला जाए, ताकि पात्र उम्मीदवार आवेदन कर सकें। न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सचिव और संचालक मेडिकल एजुकेशन को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर इस मामले पर जवाब देने का आदेश दिया है।

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Shagun Chaurasia

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