India News (इंडिया न्यूज), Protest Against Doctors: मध्य प्रदेश के दमोह के हटा सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कथित लापरवाही के खिलाफ बुधवार को सैकड़ों युवा सड़कों पर उतरे। तख्तियों और काली पट्टियों के साथ प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल में डॉक्टरों के नियमित रूप से ड्यूटी पर न आने, मरीजों का ठीक से इलाज न करने और बार-बार गंभीर मरीजों को रेफर करने पर गहरी नाराजगी जताई। प्रदर्शन के दौरान एसडीएम राकेश मरकाम को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें डॉक्टरों से नियमित ड्यूटी करने की मांग की गई।
अस्पताल में समय पर इलाज न मिलने के कारण गई मरीजों की जान
यह मामला तब उभरकर सामने आया, जब कुछ दिन पहले शंभुदयाल शर्मा नाम के व्यक्ति की सर्पदंश से मौत हो गई। शंभुदयाल के परिवार का आरोप है कि अस्पताल में समय पर इलाज न मिलने के कारण उनकी जान गई। उनकी मौत के बाद उनके बेटे शुभम शर्मा ने अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्था को सोशल मीडिया पर उजागर किया। इसके जवाब में डॉक्टरों ने शुभम के खिलाफ मामला दर्ज कराया, जिससे लोगों में गुस्सा और बढ़ गया।
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डॉक्टर अपनी ड्यूटी की बजाय निजी क्लीनिकों में रथे है ज्यादा
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि डॉक्टर ओपीडी में पूरी तरह उपस्थित नहीं रहते और अपनी ड्यूटी की बजाय निजी क्लीनिकों में ज्यादा समय देते हैं। गंभीर स्थिति में मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है, जिससे मरीज दमोह अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। लोगों का आरोप है कि रात की ड्यूटी में डॉक्टर सो जाते हैं और मरीजों का इलाज करने की जिम्मेदारी कम अनुभव वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर डाल दी जाती है।
अस्पताल में इलाज की बेहतर व्यवस्था बनाने की मांग
प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने, डॉक्टरों की जिम्मेदारी तय करने और अस्पताल में इलाज की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की।
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