India News (इंडिया न्यूज), Saurabh Sharma’s Surrender: मध्य प्रदेश के भोपाल में बहुचर्चित पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के सरेंडर और गिरफ्तारी का मामला सोमवार को बड़ा मोड़ लेता नजर आया। सौरभ शर्मा, जो 41 दिनों से फरार चल रहा था, ने जिला अदालत में सरेंडर का आवेदन दिया। इस पर आज सुबह 11 बजे लोकायुक्त विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई।
कोर्ट पहुंचा मामला
सौरभ शर्मा के सरेंडर आवेदन के बाद अदालत ने लोकायुक्त पुलिस से केस डायरी तलब की थी। सुनवाई के दौरान सौरभ शर्मा के वकील राकेश पराशर का दावा था कि सरेंडर के वक्त सौरभ अदालत परिसर में ही मौजूद था। वहीं, लोकायुक्त पुलिस ने इस आवेदन पर कार्रवाई के लिए अपनी टीम के साथ कोर्ट पहुंचने की पुष्टि की।
गिरफ्तारी का नाटकीय घटनाक्रम
कोर्ट की सुनवाई से पहले ही सौरभ शर्मा को लोकायुक्त पुलिस ने अदालत के बाहर से हिरासत में ले लिया। इस कार्रवाई के बाद सौरभ शर्मा के वकील ने इसे अवैध गिरफ्तारी करार देते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की। वकील का कहना है कि सौरभ ने सरेंडर करने का आवेदन दिया था, लेकिन लोकायुक्त पुलिस ने उसे गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार कर लिया।
लोकायुक्त टीम का पक्ष
लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि सौरभ शर्मा, जो लंबे समय से फरार था, को कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार किया गया। डीएसपी वीरेंद्र सिंह की अगुवाई में यह कार्रवाई की गई। टीम का कहना है कि सौरभ को लेकर आगे की पूछताछ की जाएगी और जांच प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।
सौरभ शर्मा पर आरोप
सौरभ शर्मा पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। वह लंबे समय से लोकायुक्त, ईडी और आयकर विभाग की टीम को चकमा देकर फरार चल रहा था।
कार्रवाई कितनी तेजी से बढ़ी आगे
सौरभ शर्मा का सरेंडर और गिरफ्तारी भोपाल के प्रशासनिक और कानूनी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। कोर्ट में सुनवाई और आगे की जांच इस बात का निर्धारण करेगी कि सौरभ शर्मा के खिलाफ कार्रवाई कितनी तेजी से आगे बढ़ती है। वहीं, इस घटनाक्रम ने कानून व्यवस्था को लेकर भी कई सवाल खड़े किए हैं।
जबलपुर मेडिकल अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही, जिंदा मरीज को किया मृत घोषित