India News (इंडिया न्यूज),Somwati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या के पावन अवसर पर उज्जैन सहित मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। उज्जैन की पवित्र शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना की और भगवान महाकाल के दर्शन किए। इसी प्रकार, नर्मदा नदी के तटों पर सीहोर, नेमावर और ओंकारेश्वर में भी भक्तों ने स्नान कर धर्मलाभ अर्जित किया।
19 साल बाद बना खास संयोग
पंडित गौरव उपाध्याय के अनुसार, इस बार 19 साल बाद सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग बना, जिसने इस दिन को और अधिक पवित्र बना दिया। अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान और पितरों के निमित्त तर्पण करने से पुण्य फल और मोक्ष की प्राप्ति का महत्व बताया गया।
धर्मलाभ के लिए उमड़ी भीड़
साल 2024 की अंतिम अमावस्या होने के कारण श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा गया। पंडित अमर डिब्बे वाला ने बताया कि सोमवती अमावस्या का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह दुर्लभ संयोगों में आती है। श्रद्धालुओं ने ठंड के बावजूद बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ स्नान और पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया।
महाकाल के दर्शन का विशेष महत्व
शिप्रा स्नान के बाद हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने मंदिर पहुंचे। पंडित राजेश त्रिवेदी ने बताया कि सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी, और ठंड के बावजूद श्रद्धा में कोई कमी नहीं आई। महाकाल मंदिर परिसर में भक्तों का उत्साह देखने लायक था।
2024 की अंतिम अमावस्या
पंडितों ने बताया कि अगली अमावस्या अब साल 2025 में आएगी, लेकिन हर महीने आने वाली अमावस्या में सोमवती और शनिश्चरी अमावस्या का खास महत्व रहता है। इस दुर्लभ संयोग ने श्रद्धालुओं को आस्था से भर दिया।
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