India News(इंडिया न्यूज) mp news: उज्जैन में कुत्तों के आतंक की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। जिला अस्पताल के आंकड़े भी बताते हैं कि पिछले 10 महीने में 5985 लोगों पर कुत्तों ने हमला किया है। वहीं करीब आधा दर्जन लोगों की इससे मौत भी हो चुकी है। आवारा कुत्तों के हमले की समस्या से शहर का हर व्यक्ति परेशान है, लेकिन शहरवासियों के लिए जानलेवा बन रही यह समस्या नगर निगम के अफसरों और जनप्रतिनिधियों को दिखाई नहीं दे रही है।
आवारा कुत्तों का आतंक
शहर में समुचित साफ-सफाई और समुचित पेयजल की व्यवस्था न होने के साथ ही शहरवासी इन दिनों आवारा कुत्तों के हमलों से भी खासे परेशान हैं। हालात ऐसे हैं कि वार्डों में कुत्तों का झुंड न सिर्फ बच्चों बल्कि युवाओं और बुजुर्गों को भी अपना शिकार बना रहा है। कुछ महीने पहले कमरी मार्ग में रहने वाली इंशिया (7) की कुत्तों के हमले के डर से मौत हो गई थी। इतना ही नहीं कुवैत से त्यौहार मनाने उज्जैन आए अली असगर (56) को कुत्ते ने काट लिया था, जिससे उनकी भी मौत हो गई थी। उज्जैन में फैले कुत्तों के आतंक के इन दो मामलों के साथ ही नागझिरी क्षेत्र में रहने वाले एक युवक पर भी उद्योगपुरी क्षेत्र में कुत्तों ने हमला कर दिया था.
आवारा कुत्तों की इस समस्या का समाधान
इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और फिर उसकी भी मौत हो गई. कुत्ते वाहनों के पीछे तेजी से दौड़ते हैं, जिससे वाहन चालक अपने वाहनों की गति बढ़ा देते हैं.इससे वे या तो दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं या फिर कुत्तों का शिकार बन जाते हैं. आवारा कुत्तों की इस समस्या को लेकर शहरवासी जनप्रतिनिधियों और निगम अधिकारियों के साथ ही सीएम हेल्पलाइन और निगम की यूएमसी सेवा पर भी शिकायत करते हैं, लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी आवारा कुत्तों की इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. उल्टा कुत्तों का शिकार बनने वाले लोगों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है.