India News (इंडिया न्यूज), Veerata Puraskaar: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के जयंत में सिक्योरिटी गार्ड चिरंजीत तिवारी ने अपनी बहादुरी और सतर्कता से करोड़ों की ज्वैलरी चोरी को नाकाम कर मिसाल पेश की। उनकी इस अदम्य साहसिकता के लिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 

14 बदमाशों से अकेले भिड़े

यह घटना जयंत स्थित एक सराफा दुकान की है, जहां देर रात 14 बदमाशों का एक गिरोह चोरी की योजना बनाकर दुकान में घुसा। सिक्योरिटी गार्ड चिरंजीत तिवारी ने अपनी सतर्कता और बहादुरी का परिचय देते हुए न केवल बदमाशों को रोकने का प्रयास किया, बल्कि अकेले ही उनका सामना किया। अपनी जान की परवाह किए बिना उन्होंने गिरोह को काबू में करने के लिए संघर्ष किया और उनकी चोरी की योजना को पूरी तरह विफल कर दिया।

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सतर्कता से प्रशासन को मिली बड़ी सफलता

चिरंजीत तिवारी की सक्रियता और समझदारी के कारण पुलिस को गिरोह को पकड़ने में सफलता मिली। उनके प्रयासों से करोड़ों की ज्वैलरी चोरी होने से बच गई और गिरोह के सदस्यों को जेल भेज दिया गया। चिरंजीत ने न केवल अपनी ड्यूटी को पूरी ईमानदारी से निभाया, बल्कि यह भी साबित किया कि सजगता और साहस से किसी भी मुश्किल स्थिति का सामना किया जा सकता है।

 

गणतंत्र दिवस पर मिला वीरता पुरस्कार

उनकी इस बहादुरी के लिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार न केवल उनके साहस का सम्मान है, बल्कि यह प्रेरणा भी देता है कि समाज में ऐसी जागरूकता और साहसिकता की कितनी आवश्यकता है।

 

सिंगरौली की बने शान

चिरंजीत तिवारी ने अपनी जान जोखिम में डालकर न केवल अपनी जिम्मेदारी निभाई, बल्कि सिंगरौली के लोगों के लिए गर्व का कारण भी बने। उनका यह कार्य यह संदेश देता है कि अगर इंसान में हिम्मत और जज्बा हो तो वह किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकता है।

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