India News (इंडिया न्यूज), MP News: मध्य प्रदेश में सागर जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जमुनिया चिखली में एक सराहनीय घटना घटी, जहां दो छात्राओं ने सीपीआर देकर अपने शिक्षक की जान बचा ली। यह घटना तब हुई जब विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के बाद प्राथमिक शिक्षक महिपाल ठाकुर को अचानक हार्ट अटैक आ गया।

समय रहते छात्राओं ने दिखाई समझदारी

जैसे ही शिक्षक ठाकुर बेहोश होकर गिर पड़े, छात्रा निशिका यादव और प्राची विश्वकर्मा ने तुरंत स्थिति को समझा। उन्होंने देखा कि शिक्षक की नाड़ी नहीं चल रही थी और वे सांस भी नहीं ले रहे थे। घबराने के बजाय, उन्होंने अपनी सीखी हुई सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) तकनीक का उपयोग किया। लगातार सीपीआर देने के बाद शिक्षक की सांसें लौटने लगीं और उनकी स्थिति में सुधार हुआ। जब तक एम्बुलेंस मौके पर पहुंची, शिक्षक को होश आ चुका था। इसके बाद उन्हें देवरी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनका इलाज किया और अब उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

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व्यावसायिक शिक्षा का दिखा असर

यह घटना इस बात का प्रमाण है कि व्यावसायिक शिक्षा न केवल करियर में मददगार होती है, बल्कि जीवन बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। कुछ समय पहले, देवरी के वरिष्ठ डॉक्टरों—राहुल बारोलिया, रूपेश ठाकुर और गोविंद बर्दिया द्वारा विद्यालय के छात्रों को CPR और प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया गया था। इस प्रशिक्षण का ही नतीजा रहा कि निशिका और प्राची समय रहते अपने शिक्षक को बचा पाईं।

गांव और स्कूल ने किया सम्मानित

इस साहसिक कार्य के लिए छात्राओं की ग्राम सरपंच, विद्यालय के प्राचार्य भरत सिंह परिहार और वरिष्ठ शिक्षक अरुण कुमार दुबे सहित पूरे गांव ने सराहना की। लोगों का मानना है कि यदि हर छात्र को प्राथमिक उपचार की शिक्षा दी जाए, तो ऐसी आपातकालीन स्थितियों में कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। छात्राओं के इस कार्य ने न केवल उनके शिक्षक को नई जिंदगी दी, बल्कि पूरे समाज को यह सीख दी कि *संघर्ष के समय समझदारी और सही ज्ञान से बड़ी से बड़ी मुसीबत को टाला जा सकता है।

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