India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेले की भव्यता की चर्चा हर जगह हो रही है। कड़ाके की ठंड के बाद लाखों लोग गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर रहे हैं। मान्यता है कि कुंभ के दौरान नदी में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं। महाकुंभ में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दौरान भगवान शिव और विष्णु का ध्यान और पूजन करना चाहिए। नदी में स्नान करने के बाद नदी का जल सूर्य और शिवलिंग पर अवश्य चढ़ाना चाहिए।

कैसे करें तीर्थ यात्रा

माघ के इस ठंडे महीने में ठंडे पानी से स्नान करना भी एक तरह का तप माना जाता है। अगर कोई व्यक्ति असहाय या बीमार है या किसी अन्य कारण से वह महाकुंभ स्नान में भाग नहीं ले सकता है, तो उसे यहां बताए गए कुछ तरीके अपनाने चाहिए, जिससे उसे तीर्थ यात्रा के समान ही लाभ मिलेगा।

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क्या करना चाहिए?

  • अगर आप इस महाकुंभ में नदी तट पर नहीं जा सकते हैं, तो आपको घर में रखे गंगा जल को एक बाल्टी पानी में मिलाकर स्नान करना चाहिए।
  • अगर आपके पास गंगा जल उपलब्ध नहीं है, तो सभी पवित्र नदियों का ध्यान करें और स्नान करें।
  • इसके अलावा व्यक्ति को स्नान के दौरान ‘गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिंधु कावेरी जलास्मिन्सनिधिं कुरु।’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए और ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
  • इसके बाद व्यक्ति को घर के मंदिर में भी पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद दान करना भी आपको शुभ फल दे सकता है। ऐसे में जरूरतमंदों को धन, अनाज, भोजन और कपड़े दान करें।

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