India News UP (इंडिया न्यूज़), Basant Panchami 2025:  महाकुंभ में मंगलवार-बुधवार की रात हुई भगदड़ में 30 लोगों की जान चली गई, और 60 से अधिक लोग घायल हुए। इस घटना ने अधिकारियों के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा किया: क्या इस हादसे से कुछ सीखा गया है, और क्या आगामी बसंत पंचमी के शाही स्नान पर ऐसी चूक नहीं होने दी जाएगी? घटना के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रशासन ने कई अहम सुधारों की योजना बनाई है, ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो।

वीआईपी कल्चर का खात्मा

कुंभ में वीआईपी कल्चर को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। अब किसी भी वीआईपी को आम श्रद्धालुओं के बीच से होकर नहीं जाने दिया जाएगा। अधिकारियों ने साफ किया कि अब कोई भी व्यक्ति, चाहे वह राजनीतिक नेता हो या सरकारी अधिकारी, बिना उचित व्यवस्था के किसी विशेष रास्ते से नहीं जा सकेगा।

वीआईपी प्रोटोकॉल पर सफाई

शाही स्नान से पहले मेला क्षेत्र में वन-वे व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके तहत एक ही रास्ते पर दोनों दिशाओं से लोग नहीं आ-जा सकेंगे, जिससे भगदड़ की स्थिति को रोका जा सकेगा।घटना के बाद मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी मेला वैभव कृष्ण ने वीआईपी प्रोटोकॉल पर सफाई दी। उन्होंने बताया कि वीआईपी को मिलने वाली छूट के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बनी थी, और अब इस पर पूरी तरह से नियंत्रण किया जाएगा।

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न्यायिक आयोग की जांच

मुख्यमंत्री ने न्यायिक आयोग का गठन किया है, जो एक महीने के अंदर इस हादसे की जांच करके जिम्मेदारों के बारे में निर्णय देगा। आयोग यह पता लगाएगा कि भगदड़ के पीछे की असल वजह क्या थी, और किन अधिकारियों की लापरवाही से यह घटना घटी। मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने घटनास्थल का मुआयना किया और सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत करने की बात की। शाही स्नान के दौरान सुरक्षा में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

महाकुंभ में मंगलवार-बुधवार की रात हुई भगदड़ ने अधिकारियों को बड़े सुधारों के लिए मजबूर कर दिया है। आगामी शाही स्नान पर इन सुधारों को लागू किया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस बार, अधिकारियों ने वीआईपी कल्चर, एकल मार्ग व्यवस्था, और कड़ी सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।

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