India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: महाकुंभ स्नान में मां गंगा का विशेष स्थान है। महाकुंभ मेले के दौरान मां गंगा की पूजा की जाती है। साधु-संत अपनी तपस्या के बाद मोक्षदायिनी मां गंगा के दर्शन करने आते हैं और अपने पुण्य से उन्हें पवित्र करते हैं। ऐसे में नागा साधु भी मां गंगा की पूजा और पवित्रता का ख्याल रखते हैं। इनके दिल में मां गंगा के प्रति अटूट आस्था होती है।

दूसरा अमृत स्नान कब है?

महाकुंभ में नागा साधुओं ने अपना शिविर लगा लिया है। महाकुंभ में अमृत स्नान का विशेष महत्व है। पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को हो चुका है। दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। ऐसे में सबसे पहले स्नान का अधिकार नागा साधुओं को दिया गया है। इसके बाद अन्य श्रद्धालुओं को स्नान का मौका मिलेगा। आपको बता दें कि नागा साधुओं की मां गंगा में अटूट आस्था होती है। वे इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि उनकी पवित्रता को ठेस न पहुंचे।

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मां गंगा में अटूट आस्था

नागा साधुओं की मां गंगा में गहरी आस्था होती है। सभी नागा गंगा स्नान के दौरान अपनी पवित्रता का विशेष ध्यान रखते हैं। स्नान के दौरान उनकी गंदगी या अन्य गंदगी नदी के पवित्र जल में न जाए, इसके लिए वे पहले अपने शिविरों में स्नान करते हैं और फिर गंगा स्नान के लिए जाते हैं। फिर नागा अपने शरीर पर भस्म लगाते हैं और गंगा में पवित्र डुबकी लगाते हैं। नागा साधु भगवान शिव की पवित्रता के प्रतीक के रूप में भस्म लगाते हैं।

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