India News (इंडिया न्यूज),MahaKumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 30 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। सरकार ने करीब 17 घंटे बाद इस त्रासदी की पुष्टि की और स्थिति पर नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाए।

सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

प्रशासन ने घायलों के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है, जिससे परिजन घायलों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मेला अधिकारी विजय किरन आनंद और डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त में श्रद्धालुओं की भीड़ संगम नोज की ओर बढ़ गई थी। रात 1:00 से 2:00 बजे के बीच श्रद्धालुओं की संख्या बेकाबू हो गई, जिसके चलते सुरक्षा बैरिकेडिंग टूटी और कई लोग जमीन पर सो रहे श्रद्धालुओं पर गिर गए। इस अफरा-तफरी में कई लोग कुचल गए। प्रशासन ने तुरंत ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 90 घायलों को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन दुर्भाग्य से 30 लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी। अभी पांच मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है, जबकि मृतकों में कर्नाटक के चार, असम और गुजरात के एक-एक श्रद्धालु शामिल हैं।

हरियाणा सीएम ने पिया यमुना का पानी, केजरीवाल ने बताया ढोंग, कहा- ‘मुंह में लेकर थूक दिया’

36 घायलों का चल रहा है इलाज

फिलहाल 36 घायलों का इलाज एसआरएन अस्पताल में चल रहा है, जबकि कुछ लोग अस्पताल से डिस्चार्ज होकर अपने घर लौट गए हैं। डीआईजी वैभव कृष्ण के अनुसार महाकुंभ मेले की स्थिति अब सामान्य है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी शंकराचार्यों, महामंडलेश्वरों और अखाड़ों से आग्रह किया कि श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अमृत स्नान कराया जाए। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आगे के प्रमुख स्नान पर्वों पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा। मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने मृतकों के प्रति शोक जताते हुए कहा कि प्राथमिकता अब श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कराकर सकुशल वापस भेजने की है।

महाकुम्भ घटना के बाद एक्शन में CM योगी, श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर दिए ये बड़े निर्देश