India News (इंडिया न्यूज), Sudha Murthy in Mahakumbh 2025: भारत में कई मशहूर उद्योगपति हैं जो अपनी दौलत और शोहरत के साथ-साथ सादगी के लिए भी जाने जाते हैं। इन्हीं में से एक हैं इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति। यह जोड़ा अरबों रुपये का मालिक है लेकिन इनका जीवन हमेशा से ही सादगी भरा रहा है। इस पति-पत्नी की सादगी कई मौकों पर देखने को मिली। एक बार फिर सुधा मूर्ति की सादगी सुर्खियां बटोर रही है।

दरअसल, वह प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में हिस्सा लेने पहुंची थीं। आमतौर पर अमीर लोग जब एयरपोर्ट से निकलते हैं तो उनके पास 4-5 बैग जरूर होते हैं लेकिन सुधा मूर्ति के हाथ में सिर्फ एक छोटा सा बैग था, जिसे उन्होंने कंधे पर टांगा और बाहर निकलीं।  इस दौरान जब मीडिया ने सुधा मूर्ति से महाकुंभ को लेकर सवाल पूछे तो उन्होंने कहा, ‘मैं तीर्थों के राजा प्रयागराज आकर बहुत उत्साहित हूं। यह महाकुंभ 144 साल बाद आया है, इसलिए मैं बहुत आशान्वित और खुश हूं।’ उन्होंने बताया कि वह तीन दिनों के लिए महाकुंभ में आई हैं।

अरबपति बिजनेसमैन हैं सुधा मूर्ति

सुधा मूर्ति के पति नारायण मूर्ति एक अरबपति बिजनेसमैन  हैं और वह खुद भी राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन फिर भी उन्हें पैसे और पावर का घमंड नहीं है। नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति के पास 36,690 करोड़ रुपये की संपत्ति है लेकिन ये लोग सादा जीवन जीना पसंद करते हैं। हैरानी की बात है कि 30 साल में सुधा मूर्ति ने अपने पैसों से एक साड़ी भी नहीं खरीदी. हालांकि, इसके पीछे एक दिलचस्प वजह है। 775 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालकिन सुधा मूर्ति हमेशा सिंपल साड़ी में ही नजर आती हैं. फोर्ब्स के मुताबिक नारायण मूर्ति हमेशा सिंपल साड़ी में ही नजर आती हैं । मूर्ति की नेटवर्थ 5 बिलियन डॉलर (4,31,92,92,46,500 रुपये) है, जबकि उनकी कंपनी का मार्केट कैप (इंफोसिस मार्केट कैप) 7 ट्रिलियन रुपये से ज्यादा है।

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हमेशा सिंपल साड़ी में ही आती हैं नजर

सुधा मूर्ति की खुद की संपत्ति करीब 775 करोड़ रुपए बताई जाती है। चौंकाने वाली बात यह है कि 30 सालों में सुधा मूर्ति ने अपने पैसों से एक भी साड़ी नहीं खरीदी है। वह हमेशा सिंपल साड़ी में ही नजर आती हैं। हालांकि, इसके पीछे एक खास वजह है। सुधा मूर्ति ने इसके पीछे आध्यात्मिक मान्यता बताई है। दरअसल, काशी भ्रमण के दौरान उन्होंने उस चीज को छोड़ने का फैसला किया, जिससे उन्हें बेहद प्यार था। उन्हें साड़ी सबसे ज्यादा पसंद थी। तब से उन्होंने कोई नई साड़ी नहीं खरीदी है, इसलिए उन्हें ज्यादातर साड़ियां तोहफे में ही मिली हैं।

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