इंडिया न्यूज, मुंबई:
शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान को बेल मिलने के बाद अब आर्यन का मुद्दा इतिहास बन गया है, वहीं Sameer Wankhede के धर्म लेकर नई बहस शुरू हो गई है। क्रूज ड्रग्स पार्टी में जब से समीर ने स्टार पुत्र को गिरफ्तार किया है तब से ही शाहरूख खान अपने बेटे को लेकर परेशानियों में घिरे थे। वहीं दामाद समीर खान पर की गई कार्रवाई को लेकर एनसीपी नेता नवाब मलिक समीर वानखेड़े को कटघरे में खड़ा करने के लिए मौके की तलाश में थे।
जो अब नवाब को मिल गया है। एक तरफ NCB नित आर्यन की व्हाट्सएप चैट को आधार बनाकर आर्यन की जमानत में अड़ंगा लगा रहे थे तो वहीं नवाब मलिक वानखेड़े पर हर रोज नया खुलासा कर रहे थे। कभी रिश्वत तो कभी ड्रग माफिया के साथ समीर वानखेड़े के संबंधों की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल करने में जुटे रहे। समीर वानखेड़े खुद को हिंदू बता रहे हैं। लेकिन नवाब मलिक ने समीर की जन्मकुंडली ही खंगाल दी है।
नवाब मलिक का कहना है कि समीर हिंदू नहीं मुस्लिम हैं। यह सही है कि उनकी पत्नी अब हिंदू है। लेकिन NCB अधिकारी समीर की पहली बीवी और पहली मां मुसलमान थीं। नवाब मलिक ने कहा है कि वानखेड़े पिता-पुत्र ने दूसरी शादी हिंदू महिलाओं से की है। एनसीपी नेता ने समीर को मुस्लिम बताते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर आरक्षण का लाभ लेकर सरकारी नौकरी हासिल करने का भी आरोप लगाया है।
ऐसे में साफ जाहिर है कि समीर वानखेड़े पर लगे आरोप सही साबित होते हैं तो उनकी नौकरी जाना तय है। महाराष्टÑ सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े-शबाना कुरैशी का निकाहनामा जारी करते हुए कहा कि यह निकाह 7 दिसंबर 2006 को हुआ था और 2016 में तलाक हो गया था, जिसमें गवाह समीर के बहनौई अजीज खान थे। बता दें कि अजीज समीर की बहन यास्मीन के पति हैं। निकाहनामे में पिता का नाम दाऊद वानखेड़े दर्ज किया हुआ है। जो अब खुद को ज्ञानदेव वानखेड़े बता रहे हैं।
उसके बाद 2017 में उसने अभिनेत्री क्रांति रेडकर से हिंदू परंपरा के तहत शादी की थी। नवाब मलिक ने कहा है कि मैं जाति धर्म की बात नहीं कर रहा हूं। मैं तो उस षडयंत्र की बात कर रहा हूं जो समीर ने रचा है और एक अनुसुचित जाति के युवक की नौकरी को हथियाने का काम किया है। बता दें कि ज्ञानदेव वानखेड़े हिन्दू हैं, उनकी शादी मुस्लिम महिला जाहिदा बानो से हुई थी जिनका निधन हो चुका है।
बात चली है तो समीर का निकाहनामा पढ़ने वाला मौलाना मुजम्मिल अहमद भी खुल कर सामने आ गया है। मौलाना ने कहा कि निकाह के समय वानखेड़े ने खुद को मुस्लिम बताया था। निकाह के समय पूरे परिवार ने खुद को इस्लाम का अनुयायी होने की बात कही थी। लड़का-लड़की मुस्लिम नहीं होने पर शरीयत के मुताबिक निकाह हो ही नहीं सकता।
ऐसे में अब बड़ा सवाल उठता है कि क्या जन्म के समय समीर वानखेड़े मुस्लिम थे या अनुसूचित। अगर मुस्लिम थे तो उन्होंने खुद को अनुसूचित बताते हुए 1993 में नौकरी कैसे हासिल कर ली। अगर वह हिंदू पिछड़े वर्ग से थे तो निकाह कैसे हो गया। ऐसे में अगर समीर के धर्म मुस्लिम हुआ तो वानखेड़े की सर्विस पर बन सकती है।
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