Action On Helpers Of Terrorists
इंडिया न्यूज, जम्मू कश्मीर:
जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खात्मे के लिए सेना ने आपरेशन आल आउट चलाया हुआ है जिससे देश में छिपे आतंकवादियों समेत पीओके में बैठे इनके आकाओं की नींद उड़ हुुई है। ऐसे में हाल ही में हुई टारगेट कीलिंग पर नकेल कसने के लिए देश में छिपे गद्दारों पर भी लगाम लगनी शुरू हो गई है। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने डिप्टी जेलर फिरोज अहमद लोन व बिजबेहरा के एक स्कूल हेड मास्टर अहमद शाह को अलगाववादियों से संबंध रखने के जुर्म में नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।
बता दें कि लोन पर आतंकवादी संगठन हिजबुल से नाता होने के साबूत मिले हैं। वहीं शाह देश को बांटने वाली हुर्रियत के सलाहकार के तौर पर काम करने के आरोप लगे हैं। यही नहीं, अहमद शाह विद्यार्थियों को नेकी की राह पर चलने की बजाए कट्टर वाद का पाठ पड़ता था। केंद्र शासित प्रदेश ने दोनों अधिकारियों की संलिप्तता देश विरोधी काम करने वालों के तौर पर पाई जिसके चलते इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।
दोनों अधिकारियों पर हुई कार्रवाई के बाद घाटी में बर्खास्त किए कर्मचारियों का आंकड़ा 29 हो चुका है। बता दें कि यह वह लोग हैं जो देश का नमक खाकर, हक पड़ौसी मुल्क में अदा कर रहे थे। टारगेट किलिंग और सीमा पार से आए हुए देश के दुश्मनों को ऐसे ही लोग पनाह देते हैं जिनको अब बेनकाब करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
बता दें कि धारा 370 का हटना कुछ लोगों के गले से नीचे नहीं उतर रहा है। इसी बात को देखते हुए उस समय भी कई अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किया था, तो कुछ को हिरासत में लिया गया था। यही नहीं इस साल के शुरूआत से ही देश में छुपे विभीषणों की भी पहचान कर उन्हें सजा देने का काम भी किया जा रहा है।
बताते चलें कि यह वही अहमद लोन है जिस पर पहले भी आतंकियों का साथ देने के आरोप लग चुके हैं। लेकिन अदालती फरमानों के बाद 2012 में फिर से नौकरी मिल गई थी। उसके बाद अहमद को 2017 में फिर से एनआईए ने धर-दबौचा। अब जाकर डिप्टी जेलर को नौकरी से सस्पेंड करने के फरमान सरकार ने सुनाए हैं।
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