इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Central Govt. Affidavit केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि होने के 30 दिन के अंदर आत्महत्या करने वाले लोगों के परिजन भी 50 रुपए अनुग्रह राशि के हकदार होंगे। सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी। सरकार ने न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ को स्पष्ट किया कि कोविड-19 जांच होने या संकमण की पुष्टि के बाद 30 दिन के अंदर होने वाली मौत महामारी से हुई मृत्यु मानी जाएगी, चाहे क्यों ना मौत अस्पताल के बाहर हुई हो। सरकार ने कहा कि कोविड-19 के ऐसे मामले, जिनका समाधान नहीं हुआ है और जिनमें लोगों की मौत अस्पताल या घर में हुई, तथा जहां मौत की वजह बताने के लिए संबद्ध प्राधिकार द्वारा मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया गया है, वे कोविड-19 से हुई मृत्यु मानी जाएगी।
केंद्र द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया है, यह अनुरोध किया जाता है कि इस सिलसिले में उपयुक्त निर्देश इस न्यायालय द्वारा जारी किया जा सकता है, जिसके जरिए, कोविड 19 की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 30 दिनों के अंदर आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के परिवार के सदस्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय/भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के दिशानिदेर्शों के मुताबिक राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने के हकदार होंगे। इस सिलसिले में 11 सितंबर को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 12 (3) के तहत दिशानिर्देश जारी किये थे।’
शीर्ष अदालत अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल और कोविड-19 से अपने परिजनों को खोने वाले कुछ लोगों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। मृतकों के परिजनों का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता सुमीर सोढ़ी कर रहे हैं। याचिकाओं के जरिए महामारी से मरने वाले लोगों के परिजन के लिए अनुग्रह राशि की मांग की गई है।
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