इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Corruption Case इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस एन शुक्ला पर मुकदमा चलेगा। भ्रष्टाचार के एक मामले में उनके आदेश में एक निजी मेडिकल कॉलेज का पक्ष लेने का आरोप है। इसके लिए मुकदमा चलाने की सीबीआई को मंजूरी मिल गई है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इस साल 16 अप्रैल को सेवानिवृत्त न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी थी। हाईकोर्ट ने अब अपनी मंजूरी दी है। सीबीआई अब सेवानिवृत्त न्यायाधीश के खिलाफ आरोपपत्र के साथ आगे बढ़ सकती है।
जांच एजेंसी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति शुक्ला के अलावा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आईएम कुद्दूसी, प्रसाद शिक्षा न्यास के भगवान प्रसाद यादव और पलाश यादव, स्वयं ट्रस्ट और निजी व्यक्तियों भावना पांडे और सुधीर गिरी को भी एफआईआर में नामजद किया था।
अधिकारियों ने कहा कि एक अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए, ट्रस्ट द्वारा प्राथमिकी में नामित एक आरोपी को अवैध रूप से भुगतान किया गया था।
सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करने के बाद लखनऊ, मेरठ और दिल्ली में कई स्थानों पर तलाशी ली। यह आरोप लगाया गया है कि प्रसाद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज को मई 2017 में घटिया सुविधाओं और आवश्यक मानदंडों को पूरा न करने के कारण छात्रों को प्रवेश देने से रोक दिया गया था, साथ ही 46 अन्य मेडिकल कालेजों को भी इसी आधार पर प्रतिबंधित कर दिया गया था।
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