इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Diwali Air Pollution दिवाली के बाद राजधानी दिल्ली की हवा और भी खराब हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के पटाखों पर बैन के बावजूद लोग नहीं मानें और दिल्ली के अलावा हरियाणा, पंजाब व अन्य राज्यों में उन्होंने कानून की खूब धज्जियां उड़ाते हुए दिवाली पर आतिशबाजी की। सरकारी वायु गुणवत्ता पूवार्नुमान एजेंसी ‘सफर’ के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान 36 प्रतिशत रहा, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक उत्सर्जन है।
दिल्ली में एक पुस्तक विमोचक के दौरान सुप्रीम कोर्ट के Justice S Ravindra Bhatt ने कहा कि दिवाली के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में बहुत वृद्धि हो जाती है। उन्होंने कहा, मेरी बातें सुनकर आप चौंक जाएंगे कि शुक्रवार सुबह से बाहर का मौसम बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। यूपी में पांच जगह आगजनी की घटनाएं हुर्इं। इसके अलावा गुजरात, बिहार और उत्तराखंड के टिहरी में भी दिवाली पर मामूली आग की घटनाएं सामने आई।
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के दिन शाम 6 बजे एयर क्वालिटी 243 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से बढ़कर 410 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया। शुक्रवार को सुबह 9 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स क्यूबिक मीटर सेफ लिमिट से करीब सात गुना ज्यादा है।
हाल ही में, शीर्ष अदालत ने कहा था कि उत्सव दूसरों के स्वास्थ्य की कीमत पर नहीं हो सकता है और स्पष्ट किया कि जहां पटाखों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है, वहां वे पटाखें जिनमें बेरियम लवण होते हैं, उनका प्रयोग निषिद्ध होना चाहिए।
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