इंडिया न्यूज, गोरखपुर।
Effect On Medicine कच्चे माल के दाम बढ़ने के कारण बीपी, शुगर, आई ड्रॉप, हृदय, दर्द निवारक मलहम और एंटीबॉयोटिक दवाइयों के दामों में 10 से 20% की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं दवा व्यापारियों का कहना है कि अभी दवाओं के दाम 15 से 20% और बढ़ सकते हैं, क्योंकि कच्चे माल की आपूर्ति चीन से बेहद कम हो रही है। कोयला उत्पादन न होने की वजह से चीन में बहुत-सी फैक्टरियों ने सप्लाई भी कम कर दी है।
अब भी चीन से कच्चे माल की आपूर्ति हो रही है, लेकिन वह सीधे न होकर मलयेशिया और नेपाल जैसे देशों से हो रही है। इसकी वजह से कीमतों में काफी वृद्धि हो गई है। वहीं पेट्रो पदाथों की मूल्य वृद्धि भी मुख्य कारण है। दवा व्यवसायी आशीष ने बताया कि नए स्टॉक की कीमतों में 10 से 20 फीसदी इजाफा हुआ है। पैरासिटामॉल के कच्चे माल के दाम में भी 15 से 20 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
वहीं पेन किलर, मल्टी विटामिन, हृदय, थायरॉयड जैसी दवाओं के निर्माण में इस्तेमाल में होने वाले कच्चे माल के दामों में भी डेढ़ गुना इजाफा हुआ है। कार्डियक, मनोरोग, शुगर, बीपी की दवाओं के सॉल्ट की कीमतों में भी 40 से 600 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी की गई है। इसके अलावा न्यूरो, यूरोलॉजी की दवाओं के दाम बढ़ने के संकेत मिले हैं।
भालोटिया के दवा व्यापारी सुमित ने बताया कि पुरानी दरों पर बुक किए गए आॅर्डर की सप्लाई नहीं हो पा रही। दवाओं के हर दिन बढ़ते दामों से बाजार में असमंजस की स्थिति है। पुराने बैच की कुछ दवाएं जो पहले 70 से 80 की मिलती थीं, अब उन दवाओं की कीमत 170 के आसपास हो गई हैं।
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