Global Millets Conference: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वैश्विक श्री अन्न सम्मेलन का पूसा में उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होने कहा कि मोटा अनाज खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ खान-पान संबंधी आदतों से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित हो सकता है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से देश की खाद्य टोकरी में इन पोषक अनाजों की हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में काम करने को कहा।
पीएम मोदी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश के लिए यह बड़े सम्मान की बात है कि भारत के प्रस्ताव और प्रयासों के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ घोषित किया। उन्होंने कहा कि भारत मोटे अनाज या श्री अन्न को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि मोटा अनाज प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में और रसायनों एवं उर्वरकों का इस्तेमाल किए बिना आसानी से उगाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के मोटा अनाज मिशन से ढाई करोड़ लघु एवं सीमांत किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय खाद्य टोकरी में आज मोटा अनाज की हिस्सेदारी केवल पांच-छह प्रतिशत है। मैं भारत के वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों से इस हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए तेजी से काम करने का आग्रह करता हूं। हमें इसके लिए हासिल किए जा सकने योग्य लक्ष्य निर्धारित करने होंगे।’’
इस दौरान पीएम मोदी ने यहां IARI कैंपस में लगे विभिन्न स्टॉल का ऑडियो विजुअल भी देखा। इसके बाद उन्होंने डाक टिकट और इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर 2023 के आधिकारिक सिक्के का भी अनावरण किया। प्रधानमंत्री के साथ इस सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, मनसुख मांडविया और पीयूष गोयल भी मौजूद रहे।
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