Harsh summer This Year: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि भारत के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल और जून के बीच सामान्य से अधिक तापमान का रहने की संभावना है। देश के दक्षिण हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल, मई और जून में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। पूर्वी भारत – विशेष रूप से ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ बेहद ज्यादा गर्म मौसम से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
मार्च का महीना पिछले वर्ष की तुलना में 1.69 डिग्री सेल्सियस अधिक ठंडा था, सात पश्चिमी विक्षोभों के कारण सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। मौसम विभाग ने मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्मी की लहर की भविष्यवाणी की है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल में आगामी गर्मी के मौसम में काफी अधिक संख्या में गर्म लू के दिन देखने को मिलेंगी। आईएमडी के मौसम विज्ञान महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि उत्तर पश्चिम- पंजाब, हरियाणा और नई दिल्ली में अप्रैल में लू चलने की संभावना बेहद कम है।
मार्च में 68 लोगों की मृत्यु हुई मौसम के कारण हुई इसमें बारिश, ओलावृष्टि, बिजली गिरना शामिल था। उनमें से 60 की मौत बिजली गिरने की घटनाओं में हुई थी। बिजली गिरने से 15 से अधिक घायल हो गए और 490 से अधिक मवेशी मारे गए। आईएमडी ने कहा कि देश भर में भारी बारिश के कारण मार्च में कथित तौर पर सात लोगों की मौत हो गई, 29 घायल हो गए और 63 मवेशियों की मौत हो गई। इस बीच, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा के कारण देश में आम की फसल को 20 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है।
1971 से 2020 तक आंकड़ों से पता चलता है कि देश में अप्रैल में औसतन 39.2 मिमी बारिश होती है। उत्तर-पश्चिम और मध्य और क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है। जबकि पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत में सामान्य से कम बारिश की भविष्यवाणी की गई है। आईएमडी के अनुसार, ला नीना की स्थिति दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर में पानी का ठंडा होना भारतीय मानसून के पक्ष में होता है जो अब कमजोर हो गया है।
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