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New FTP: सरकार ने लॉन्च कि नई फॉरेन ट्रेड पॉलिसी, नए वित्त वर्ष से  होगाी लागू, जानिए क्या है नए पॉलिसी की खासियत ?

Gaurav Kumar • LAST UPDATED : March 31, 2023, 5:33 pm IST

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बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (New FTP: With the launch of the new policy, the tradition of running every policy for five years has also been broken): कल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष से पहले भारत सरकार ने देश में नए फॉरेन ट्रेड पॉलिसी (एफटीपी) को लागू कर दिया है। नई पॉलिसी को आज वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने लॉन्च किया। नई पॉलिसी के हिसाब से सरकार 2030 तक देश के निर्यात को 2 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने के लिए इंसेंटिव से हटा कर रेमिशन पर शिफ्टी करना चाहती है।

  • जरूरत के हिसाब से अपडेट जरूरी- मंत्रालय
  • नई पॉलिसी की खासियत 

जरूरत के हिसाब से अपडेट जरूरी- मंत्रालय

सरकार ने इस नई पॉलिसी के लॉन्च के साथ ही हर नीति को पांच सालों तक चलाने की परंपरा भी तोड़ दी है। सरकार ने कहा कि हमें लॉन्ग टर्म पर फोकस करना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि किसी भी नीति का कोई अंत नहीं होता, जब और जिस हिसाब से जरूरत पड़े इसे अपडेट करना चाहिए।

इस नई पॉलिसी में ई-कॉमर्स के निर्यात पर भी ध्यान दिया गया है जिसके साल 2030 तक 200-300 बिलियन अमरीकी डालर तक बढ़ने का अनुमान है। कूरियर सेवा के माध्यम से निर्यात के लिए मूल्य सीमा 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये प्रति खेप की गई है।

नई पॉलिसी की खासियत

  1. एफ़टीपी नीति निरंतरता और एक उत्तरदायी ढांचा प्रदान करने के लिए है। इसका मकसद इंसेंटिव को हटा कर रेमिशन पर शिफ्टी करना है।
  2. निर्यात वस्तुओं पर शुल्कों, करों और सरकारी शुल्क में छूट के लिए योजना शुरू करना और एफ़टीपी से संबंधित आवेदनों का डिजिटलीकरण करना है।
  3. एफ़टीपी अनुप्रयोगों की स्वचालित प्रणाली-आधारित स्वीकृति और अग्रिम प्राधिकार से संबंधित आवेदनों के प्रसंस्करण को 1 दिन करने का निर्धारित किया गया है।
  4. ट्रेड में भारतीय करेंसी रुपए को  बढ़ावा दिया गया है और इस पॉलिसी में मेर्चेंट ट्रेड को भी शामिल किया गया है।
  5. परिधान और वस्त्र क्षेत्र के लिए विशेष अग्रिम प्राधिकरण योजनाओं में विस्तार और ई-कॉमर्स को एफटीपी की सभी सुविधाओं का विस्तार करना शामिल है।
  6. इसका उद्देश्य स्कोमेट नीति के तहत दोहरे उपयोग की वस्तुओं के निर्यात को सुव्यवस्थित करना है। कूरियर सेवा के माध्यम से निर्यात के लिए मूल्य सीमा 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए प्रति खेप करना है।

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