इंडिया न्यूज, वाराणसी:
New World Record Will Be Set Up नए साल के पहले दिन आज श्री काशी विश्वनाथ धाम में नया रिकॉर्ड बनेगा। दरअसल, आज बाबा के दरबार में 1001 शंखनाद कर विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण पर मास पर्यंत चलने वाले कार्यक्रमों के तहत साल 2022 के पहले दिन यह नया कीर्तिमान बनेगा। इस अवसर पर धाम से दुनिया भर में शंखनाद की गूंज सुनाई देगी। प्रयागराज स्थित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) इस कार्यक्रम का आयोजन करेगा। सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक यह कार्यक्रम प्रस्तावित है।
गौरतलब है कि शंख वादन के लिए आनलाइन आवेदन मांगे गए थे और जानकारी के अनुसार देशभर से लगभग 1500 शंख वादकों ने आॅनलाइन आवेदन किया है। इन आवेदकों में से 20 प्रयागराज से हैं। इसके अलावा उत्तर-पूर्व क्षेत्र के 200 शंख वादक शामिल हैं। प्रस्तुति के लिए शुक्रवार शाम को मंदिर परिसर में पूर्वाभ्यास भी किया गया। विश्वनाथ धाम के लोकार्पण महोत्सव के साथ ही काशी में श्रद्धालुओं का प्रवाह कई दिन से उमड़ रहा है।
13 दिसंबर के बाद से रोजाना बाबा के दरबार में सवा लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे रहे हैं। हालत यह हो गई है कि पौष के महीने में बाबा के दरबार में सावन का नजारा दिख रहा है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में नए साल पर भी देश भर के कई राज्यों से श्रद्धालु बनारस पहुंचे हैं, जिससे साफ है कि दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगेंगी। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने झांकी दर्शन के इंतजाम किए हैं। वहीं संकटमोचन, दुर्गाकुंड, बीएचयू विश्वनाथ, शूलटंकेश्वर महादेव समेत अधिकांश मंदिरों में दर्शन-पूजन के इंतजाम किए गए हैं। गंगा घाट पर मां गंगा की विशेष आरती के साथ नए साल का स्वागत किया जाएगा।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में शंखनाद के कार्यक्रम में शंखवादकों के लिए पारंपरिक परिधान तय किए गए हैं। इसमें पुरुष कुर्ता-पायजामा या कुर्ता-धोती पहनेंगे और महिलाओं के लिए साड़ी और सलवार सूट तय किया गया है। शंख वादन के प्रतिभागियों को मानदेय के रूप में एक हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र भी इस अवसर पर दिया जाएगा।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में अब सुरक्षाकर्मी खड़ाऊं पहनकर ड्यूटी करते हुए नजर आएंगे। ठंड को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने शुक्रवार को सुरक्षाकर्मियों को खड़ाऊं वितरित किए। मंदिर परिक्षेत्र में ड्यूटी करने वाले सुरक्षाकर्मियों के लिए 180 खड़ाऊं मंगाए गए हैं। वहीं अब कोई भी श्रद्धालु मंदिर परिसर में जूता-चप्पल पहनकर नहीं जा सकेगा। भक्तों की सहूलियत के लिए भी सर्दी के मद्देनजर मंदिर परिसर के चारों ओर मैट बिछाया गया है।
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