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Pakistan Taliban Sanctions Bill Vs US पाकिस्तान की हवा टाइट

Amit Gupta • LAST UPDATED : October 2, 2021, 7:29 am IST

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Pakistan Taliban Sanctions Bill Vs US what is Afghan Counterterrorism And Accountability Act (pakistan taliban pratibandh vidheyak kya hai): तालिबान व पाक समर्थित आतंकवाद पर शिकंजा कसने के लिए अब अमेरिका मुखर हो उठा है।

पाक आर्मी व इकोनॉमी पर छाया तबाही का खतरा (Pakistan Taliban Sanctions Bill Vs US)

अमेरिकी सीनेट के 22 रिपब्लिक सदस्यों ने तालिबान पर चिंता जाहिर करते हुए पाकिस्तान को भी निशाने पर ले लिया है। बिल पेश होने के चलते पाक सरकार दहशत में है। ऐसे में अगर यह बिल 180 दिनों में पास हो जाता है तो राष्ट्रपति जो बाइडेन कि अनुमति के बाद पाकिस्तान की इकोनॉमी तबाह होना तय है। हालांकि बिल के पास होने में कोई संदेह नहीं है, क्योंकि इस मुद्दे पर डेमोक्रेटस और रिपब्लिकन की सोच एक मानी जा रही है। ऐसे में पाक सरकार की कार्यप्रणाली से नाखुश बाइडेन नियाजी खान से फोन पर बात करने को भी तैयार नहीं है।

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कुछ इस तरह समझिए क्या है ये बिल? Pakistan Taliban Pratibandh Vidheyak Kya Hai (Pakistan Taliban Sanctions Bill Vs US)

कमेटी के चेयरमैन रिपब्लिकन सीनेटर जिम रीश ने इस बिल को अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी अभियान, निगरानी और जवाबदेही का नाम दिया है। इसमें बाइडेन प्रशासन से सवाल करते हुए 20 साल तक चली अफगान जंग में पाकिस्तान की जवाबदेही और तालिबानियों के मददगारों
की जानकारी मांगी है।

सीनेट का सवाल क्या पंजशीर घाटी में जंग के दौरान (Pakistan Taliban Sanctions Bill Vs US)

पाकिस्तान ने तालिबान को मदद दी? क्या पाकिस्तान ने नॉन स्टेट एक्टर्स और ड्रग तस्करों का इस्तेमाल कर तालिबान को मदद और अमेरिका को नुकसान पहुंचाया? किए गए सवाल नए या गलत नहीं हैं। फिर भी न जाने क्यों, अमेरिका कभी पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन नहीं ले पाया।

संवेदनशील मामले के बंद कमरे में हुए सवाल जवाब (Pakistan Taliban Sanctions Bill Vs US)

अमेरिकी सेना के जॉइंट चीफ्स जनरल मार्क मिले से कुछ सीनेटर्स ने पाकिस्तान को लेकर सवाल पूछे तो जनरल मार्क ने कहा कुछ बातें अति गोपनीय हैं। जिनका मैं बंद कमरे में ही जवाब दूंगा। क्योंकि सीनेट की सुनवाई कैमरों के सामने होती है और उसे दुनिया में कहीं भी देखा जा सकता है। लिहाजा अति संवेदनशील जानकारी जनरल मार्क ने नहीं दी।

सुरक्षा एजेंसियों देंगी 180 दिनों में जानकारी (Pakistan Taliban Sanctions Bill Vs US)

बिल को तैयार करने में कई संसदीय समितियां सहयोग दे रही हैं। जिसमें अमेरिकी रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और खुफिया एजेंसियां 180 दिन में तमाम जानकारी इन कमेटियों को देंगी। जिसके बाद इन पर उच्च स्तर पर विचार और बहस होगी। इसके बाद कानून को अंतिम रूप दिया जाएगा। जिसे राष्ट्रपति बाइडेन की मंजूरी मिली तो बिल कानून बन जाएगा।

इसलिए होगा बिल पास (Pakistan Taliban Sanctions Bill Vs US)

अमेरिका में यहां इस बात की चर्चा आम हो गई है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज की शर्मनाक वापसी ने देश के सुपर पॉवर होने पर सवालिया निशान लग गया है। बाइडेन सरकार को जनता के सवालों की बोछार झेलनी
पड़ रही है। अमेरिकी संंसद व लोगों का मानना है कि तालिबानी हकुमत के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। और अब सरकार की मान्यता के लिए हर जी तोड़ मेहनत कर रहा है। वहीं इस मुद्दे पर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट एक होते नजर आ रहे हैं।

बिल को लेकर पाकिस्तान में मची खलबली (Pakistan Taliban Sanctions Bill Vs US)

बिल सीनेट में पेश होते ही पाकिस्तान में दहशत फैल गई। इमरान सरकार में मंत्री शिरीन मजारी ने सोशल मीडिया पर बयान दिया है कि हमने 20 साल में 80 हजार सैनिक गंवाते हुए साढ़े 400 ड्रोन हमले झेले हैं और अमेरिका और नाटो का साथ दिया है। फिर भी हमें बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा है कि अमेरिकी सीनेट के बिल से हमारे बड़े और कड़े इम्तिहान होंगे, लेकिन हम सरेंडर नहीं करेंगे। पूर्व डिप्लोमैट और पीपीपी नेता शेरी रहमान ने कहा बिल मुसीबतें बढ़ाने वाला है। इससे पहले हमारे साथ ऐसा कभी नहीं हुआ। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा अमेरिका में पाकिस्तान की खिलाफत करने वाले सक्रिय हैं। हमने हमेशा मदद की है। आज बिल में हमें ही गलत साबित किया जा रहा है।

बिल पास न होने को लेकर पाक मांग रहा दुआएं (Pakistan Taliban Sanctions Bill Vs US)

पाकिस्तानी इकोनॉमी एक्सपर्ट प्रोफेसर हामिद सिद्दीकी ने एक चैनल पर कहा- यह हमारे लिए खतरे की घंटी है। दुआ कीजिए कि ये बिल पास न हो। सिद्दीकी के अनुसार बिल पास होते ही दुनिया के तमाम आर्थिक संगठन जैसे आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक आर्थिक मदद बंद
कर देंगे। वहीं इसका असर पाकिस्तानी करंसी पर भी पड़ना तय है। अभी डॉलर का एक्सचेंज रेट 172 पाकिस्तानी रुपए है पाबदिंयों के बाद 200 रुपए हो जाएगा।

1807 के एम्बार्गो एक्ट ने छुड़ाए पाकिस्तान के पसीने (Pakistan Taliban Sanctions Bill Vs US)

बता दें कि प्रस्तावित बिल 1807 में बने एम्बार्गो एक्ट का ही एक्सटेंशन है। इससे हथियार, टेक्नोलॉजी, ट्रेड और एक्सपोर्ट पर सख्त पाबंदियां लग सकती हैं। अमेरिका समेत उसके सहयोगी देश और संगठन हमारी मदद करने से हाथ पीछे खींच लेंगे।

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