इंडिया न्यूज, मुंबई:
Petrol Diesel Reduction Effect जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में कहा है कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटने से राजकोष पर 45,000 करोड़ रुपए का असर पड़ेगा। इससे केंद्र का राजकोषीय घाटा 0.3 फीसदी बढ़ जाएगा।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार कुल खपत के हिसाब से, सरकार के उक्त फैसले से पूरे वित्त वर्ष के लिए राजकोष पर एक लाख करोड़ रुपए का असर पड़ेगा, जो जीडीपी का 0.45 प्रतिशत होगा। चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों के लिए, राजकोष पर 45,000 करोड़ रुपए का असर पड़ेगा, जिससे राजकोषीय घाटा बढ़ जाएगा।
केंद्र सरकार ने दीपावली की पूर्व संध्या पर बुधवार को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की। नोमुरा के अर्थशास्त्रियों ने कहा, अब उसे उम्मीद है कि राजकोषीय घाटा 6.5 प्रतिशत पर आ जाएगा, जबकि पहले का अनुमान 6.2 प्रतिशत था और यह रेखांकित किया कि यह अभी भी 6.8 प्रतिशत के लक्ष्य से कम रहेगा।
सरकार के बयान के मुताबिक किसानों ने अपनी कड़ी मेहनत से, ‘लॉकडाउन’ के दौरान भी आर्थिक वृद्धि की गति को बनाए रखा और डीजल पर उत्पाद शुल्क में भारी कमी से उन्हें आगामी रबी सीजन के दौरान प्रोत्साहन मिलेगा। हाल के महीनों में, कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर उछाल देखा गया है। इस वजह से हाल के हफ्तों में पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे मुद्रास्फीति संबंधी दबाव बढ़ गया है।
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