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तमिलनाडु विधानसभा में नया बिल पेश, अब राज्यपाल के पास नहीं होगा विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त करने का अधिकार

Bharat Mehndiratta • LAST UPDATED : April 25, 2022, 2:31 pm IST

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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
तमिलनाडु सरकार ने आज 25 अप्रैल, 2022 को विधानसभा (Tamilnadu Assembly) में एक ऐसा बिल पेश किया, जिससे राज्यपाल की शक्तियां कम हो जाएंगी। इसके बाद अब तमिलनाडु के विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त (appoint vice chancellors) करने का अधिकार सरकार के पास होगा, न कि राज्यपाल के पास। अत: बिल लागू होने के बाद यहां राज्यपाल की शक्तियां कम हो जाएंगी। सीएम एमके स्टालिन ने इस मामले में गुजरात का भी जिक्र किया।

वहीं तमिलनाडु सरकार द्वारा इस बिल को पेश करते हुए विरोध भी शुरू हो गया। विपक्षी दल भजपा के विधायकों ने प्रारंभिक चरण में विधेयक का विरोध किया। वहीं, मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक AIDMK के विधायक ने कांग्रेस विधायक दल के नेता के सेल्वापेरुन्थगई की ओर से एआईडीएमके की नेता एवं दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता से संबंधित टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए विधेयक के पारित होने से पहले सदन से वॉक आउट किया।

गौरतलब है कि तमिलनाडु में सीएम स्टालिन (CM Stalin) की अगुवाई वाली द्रुमक यानी डीएमके की सरकार है। द्रुमक सरकार राज्य विधानसभा में प्रस्तावों के जरिये लगातार केंद्र सरकार की व्यवस्थाओं और प्रशासनिक प्रणालियों को चुनौती दी जा रही है।

नीट के विरोध में पारित हुआ था प्रस्ताव

जानना जरूरी है कि तमिलनाडु विधानसभा में कुछ दौर पहले ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के विरोध में प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके बाद कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी सीयूईटी के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया था। अब विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति का अधिकार राज्यपाल से छीनने के लिए प्रस्ताव पास किया गया है। लेकिन दोनों प्रस्ताव राज्यपाल और राष्ट्रपति की ओर से खारिज कर लौटा दिए गए थे।

CM Stalin ने दिया गुजरात का जिक्र

CM Stalin
CM Stalin

इस बिल पर मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि राज्य सरकार की कुलपति नियुक्त करने की शक्ति की कमी राज्य में उच्च शिक्षा को प्रभावित करती है। मौजूदा प्रथा विश्वविद्यालयों के प्रशासन में ‘भ्रम’ पैदा करती है। केंद्र-राज्य संबंधों पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश मदन मोहन पुंछी की अध्यक्षता में एक आयोग की रिपोर्ट की ओर भी इशारा किया।

साल 2010 की रिपोर्ट में विश्वविद्यालयों के कुलपति के पद से राज्यपाल को हटाने की सिफारिश की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां तक कि गुजरात राज्य में भी सरकार की सर्च कमेटी द्वारा अनुशंसित तीन उम्मीदवारों में से एक को वीसी नियुक्त किया गया है।

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