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World Asthma Day Tomorrow 2022 : इस साल की थीम 'क्लोजिंग गैप इन अस्थमा केयर'

India News Desk • LAST UPDATED : May 2, 2022, 4:30 pm IST

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इंडिया न्यूज:
पूरे विश्वभर में मई माह के पहले मंगलवार को ”विश्व अस्थमा दिवस” (यानी दमा) मनाया जाता है। इस अभियान का उद्देश्य अस्थमा के बारे में जागरूकता बढ़ाना और दुनिया में स्थिति की देखभाल में सुधार करना है। इस बार ‘विश्व अस्थमा दिवस’ कल मंगलवार 3 मई 2022 को है।

वर्तमान में वायु प्रदूषण को देखते हुए अस्थमा के रोगियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस बीमारी की चपेट में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक आ रहे है। अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो कि फेफड़ों पर आक्रमण कर श्वसन प्रणाली को प्रभावित करती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों की सहायता करना भी इस दिन का मकसद है। हालांकि, कई फल और सब्जियां ऐसी भी हैं जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं क्या है विश्व अस्थमा दिवस का इतिहास, विषय एवं महत्वपूर्ण जानकारियां।

आपको बता दें कि हर साल इस दिवस की थीम अलग-अलग होती है। इस साल यानी 2022 में वर्ल्ड अस्थमा डे की थीम है ‘क्लोजिंग गैप इन अस्थमा केयर’। अस्थमा वायुमार्ग में सूजन की बीमारी है। इसकी वजह से सांस की नली में सूजन हो जाती है जिसकी वजह से फेफड़ों से हवा को बाहर लाना मुश्किल हो जाता है। इससे रोगी को सांस फूलने, घरघराहट, सीने में जकड़न और खांसी जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

कैसे हुई ‘विश्व अस्थमा दिवस’ की शुरुआत

World Asthma Day Tomorrow 2022 : इस साल की थीम 'क्लोजिंग गैप इन अस्थमा केयर'

  • विश्व अस्थमा दिवस की शुरुआत 1993 में ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से की गई थी। ‘वर्ल्ड अस्थमा डे’ 1998 में स्थापित किया गया था। इसकी पहली बैठक बार्सिलोना (स्पेन) में हुई थी, जिसमें लगभग 35 देश शामिल हुए थे। धीरे-धीरे ‘वर्ल्ड अस्थमा डे’ को पूरी दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण अस्थमा अवेयरनेस ईवेंट के तौर पर पहचाना जाने लगा।
  • अस्थमा फेफड़ों से संबंधित एक क्रोनिक डिजीज है, जिसके कारण सांस लेने में समस्या होती है। अस्थमा को दमा भी कहते हैं। श्वसन तंत्र की यह एक गंभीर बीमारी है। इससे पीड़ित लोगों को सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि श्वसन मार्ग में सूजन आने से वह संकुचित हो जाती है।

कितने प्रकार का होता है अस्थमा

अस्थमा दो प्रकारका होता हैं। पहला एलर्जिक अस्थमा, इस प्रकार का अस्थमा या दमा किसी प्रकार की एलर्जी के संपर्क में होने के कारण होता है। दूसरा है नॉन-एलर्जिक। इस प्रकार का अस्थमा या दमा तनाव, व्यायाम, ठंड या फ्लू जैसी बीमारियों, या अत्यधिक मौसम के संपर्क में आने, हवा में परेशानियों या कुछ दवाओं के कारण होता है।

अस्थमा के लक्षण क्या

अस्थमा के लक्षणों में सांस फूलना, खांसी, घरघराहट, छाती में जकड़न, थकान महसूस करना, नींद न आना, सीने में दर्द, एलर्जी, कॉमन कोल्ड आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। ये लक्षण हर किसी में उसकी गंभीरता के आधार पर अलग-अलग होते हैं। जब लक्षण नियंत्रण में नहीं होते हैं, तो वायुमार्ग में सूजन या संकुचन आ जाता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है। अस्थमा को ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसके लक्षणों को कंट्रोल करके अस्थमा से पीड़ित लोगों की जिंदगी आसान बनाई जा सकती है।

अस्थमा से बचना है, तो रखें सावधाानियां

डॉक्टर की मदद से अपना पर्सनल अस्थमा मैनेजमेंट प्लान तैयार करें। इस प्लान में दवाएं कब लेनी हैं और अस्थमा के जोखिम कारकों से बचने के उपायों पर गौर करें। अपने चिकित्सक की ओर से निर्धारित दवाओं का ही सेवन करें। ताकि अस्थमा के लक्षणों से राहत मिल सके। इससे वायुमार्ग से संबंधित सूजन और जलन को आप नियंत्रित कर सकेंगे।

अस्थमा में क्या करें

World Asthma Day Tomorrow 2022 : इस साल की थीम 'क्लोजिंग गैप इन अस्थमा केयर'

  • अदरक: अदरक एंटीआॅक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह तनाव को रोकने और शरीर के डीएनए को नुकसान पहुंचाने से रोकने में मददगार साबित होता है। यह ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और फेफड़ों के रोग जैसी कई बीमारियों से लड़ने में भी लाभदायक होता है।
  • शिमला मिर्च: शिमला मिर्च एंटीआॅक्सीडेंट, विटामिन-सी और फाइटोन्यूट्रिएंट्स के गुणों से भरपूर होती है। जो आपकी अच्छी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है।
  • अनार: यह फाइबर, विटामिन-सी, विटामिन-के और एंटीआॅक्सीडेंट से भरपूर होता है। जो कोशिका क्षति को रोकने में मदद करता है।
  • अपने पास हमेशा प्रिवेंटर इनहेलर रखना चाहिए। आप आपात स्थिति में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। खासकर ड्राइव करने के समय और अकेले रहने पर अपने साथ हमेशा इन्हेलर रखें।
  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। प्रदूषित जगहों पर बिल्कुल न जाएं। घर से निकलें तो मास्क पहनकर निकलें। खानपान पर विशेष ध्यान दें। अपनी डाइट में उन चीजों को जरूर जोड़ें, जो विटामिन-सी युक्त हो। पानी भी अधिक मात्रा में पीएं।

अस्थमा अटैक क्यों आता है?

  • कहते हैं कि अस्थमा सांस से जुड़ी एक पुरानी बीमारी है। इससे फेफड़ों में वायुमार्ग में सूजन हो सकती है, जिससे हवा को अंदर और बाहर ले जाना मुश्किल हो सकता है। अस्थमा का दौरा तब पड़ता है जब ये लक्षण बढ़ जाते हैं, जिससे सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है।
  • अस्थमा वायु प्रदूषण के अन्य रूपों से भी हो सकता है। हवा में मौजूद छोटे-छोटे प्रदूषित हवा के कण नाक और मुंह के जरिये फेफड़ों तक जा सकते हैं। स्मोक, धुंध और हवा में धूल से हवा की गुणवत्ता खराब होती हैं। इन छोटे-छोटे कणों का अस्थमा के मरीजों पर खतरनाक असर पड़ने का खतरा रहता है। इन कणों की वजह से अस्थमा बदतर स्टेज में पहुंच सकता है। इस वजह से लॉन्ग टर्म और शार्ट टर्म के लिए कई स्वास्थ्य समस्याओं के साथ-साथ फेफड़ों की कार्य क्षमता बाधित हो सकती है और अस्थमा अटैक आने की सम्भावना भी ज्यादा हो सकती है।

कैसे करें बचाव

खुद को टीका लगवाएं। धूम्रपान बंद करें और धूम्रपान क्षेत्रों से बचें। प्रदूषण से रहें दूर। फिटनेस पर काम करें। शुरूआती लक्षणों का पता चलने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अस्थमा के बारे में आम गलतफहमियां अस्थमा के मरीजों को व्यायाम करने से बचना चाहिए। उच्च खुराक वाले स्टेरॉयड से अस्थमा को नियंत्रित किया जा सकता है।

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