नई दिल्ली:- सदन का शीतकालीन सत्र चल रहा है. इस दौरान अलग अलग मुद्दे पर चर्चाएं हो रही हैं. तवांग मुद्दे पर विपक्ष ने सदन से वॉक आउट किया, वहीं अब हवाई यात्रा के टिकट महंगे क्यों हुए हैं इसपर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने जवाब दिया है. सिंधिया ने हवाई यात्रा टिकट के दामों में बढ़ोतरी को लेकर कई कारण गिनाए.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ”प्री-कोविड के मुकाबले एयर टरबाइन फ्यूल के दाम अब पहले से कही ज्यादा हो चुके हैं ये कीमत अब दोगुने से ज्यादा बढ़ गयी हैं. इंटरनेशनल मार्केट में पहले यह 53 हजार रुपये प्रति बैरल था, जो अब एक लाख 17 हजार रुपये प्रति बैरल हो गया है. एयरलाइंस की 50 फीसदी इनपुट कॉस्ट एयर टरबाइन फ्यूल की होती है. इस वक़्त सीजन हाई चल रहा है, इसमें दाम बढ़ते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये बात भी कही कि ”एडवांस में टिकट लेने पर कीमत बहुत ज्यादा नहीं होती ये सामान्य दाम जैसे लगते हैं लेकिन अगर टिकट तत्काल लिया जाए या एक दो दिन पहले लिया जाए तो टिकट के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है.” सिंधिया ने कहा, ”उड़ान योजना में हम टिकट सस्ता देते हैं ताकि छोटे शहरों के जिन रूटों पर ट्रैफिक कम रहता है, वहां आवाजाही बनी रहे.’
रिपोर्ट के मुताबिक निजीकरण है महंगाई की वजह
रिपोर्ट्स के अनुसार, हवाई टिकट महंगे होने के पीछे और भी ढेरों कारण हैं. हवाईअड्डों का निजीकरण भी एक वजह मानी जाती है. हवाई यात्रा के टिकट में एयरपोर्ट टैक्स और चार्ज आदि शामिल होते हैं, इसलिए यात्रियों को ज्यादा दाम चुकाने पड़ते हैं. निजीकरण के बाद से टिकट के दामों में धीरे धीरे इजाफा हुआ और अब पहले की तुलना में टिकट काफी महंगे हो चुके हैं.