जानें क्या है पब्लिक सेफ्टी एक्ट, जिस अधिनियम पर कश्मीर में राजनीतिक दलों के बीच छिड़ी है जुबानी जंग - India News
होम / जानें क्या है पब्लिक सेफ्टी एक्ट, जिस अधिनियम पर कश्मीर में राजनीतिक दलों के बीच छिड़ी है जुबानी जंग

जानें क्या है पब्लिक सेफ्टी एक्ट, जिस अधिनियम पर कश्मीर में राजनीतिक दलों के बीच छिड़ी है जुबानी जंग

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : December 17, 2022, 6:26 pm IST
ADVERTISEMENT
जानें क्या है पब्लिक सेफ्टी एक्ट, जिस अधिनियम पर कश्मीर में राजनीतिक दलों के बीच छिड़ी है जुबानी जंग

Omar Abdullah ( कांग्रेस के बिना सरकार बनाने जा रही NC)

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : कश्मीर में ‘कानून और व्यवस्था की समस्याओं’ से निपटने के लिए पिछले कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए गए कड़े कानून पब्लिक सेफ्टी एक्ट (Public Safety Act) को लेकर कश्मीर में राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को एक रैली में कहा कि अगर उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आती है तो वह इस कठोर कानून को रद्द कर देगी। उन्होंने कहा, ‘देश भर में कोई सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम नहीं है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में इसे लोगों को परेशान करने के लिए लागू किया गया है।’

सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम

जानकारी दें, ‘द जम्मू और कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट’ यानी सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम बिना मुकदमे के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने या नज़रबंद करने की अनुमति देता है, जिसे 1978 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के फाउंडर शेख अब्दुल्ला की सरकार ने जम्मू और कश्मीर में लकड़ी की तस्करी को रोकने के लिए लागू किया था।

इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को ‘राज्य की सुरक्षा’ के खिलाफ काम करने या ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ बिगड़ने से रोकने के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। पुलिस संदिग्ध के खिलाफ डिप्टी कमिश्नर के सामने डोजियर पेश करती है जो पीएसए हिरासत को मंजूरी देते हैं। किसी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आपराधिक आरोप के हिरासत में लिया जा सकता है और उसे अदालत में पेश करने की आवश्यकता नहीं होती है।

पीएसए के तहत जमानत मिलना मुश्किल 

ज्ञात हो, एक बार जब किसी व्यक्ति को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया जाता है, तो क्रिमिनल कोर्ट से जमानत मिलने का कोई प्रावधान नहीं है। पीएसए के तहत गिरफ्तार बंदी पुलिस के सामने अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए वकील नहीं रख सकता है। इसके बाद उसके या उसके परिवार के लिए न्याय पाने का एकमात्र तरीका हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण के तहत याचिका दायर करना है। यदि अदालत पीएसए हिरासत को खारिज कर देती है, तो हिरासत में लेने वाला अधिकारी उस संदिग्ध व्यक्ति के खिलाफ एक और पीएसए ऑर्डर निकाल सकता है।

‘एक अराजक कानून’

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे विधिविहीन या अराजक कानून बताया है। केंद्र सरकार द्वारा 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद से इस ‘कठोर कानून’ के तहत 1,000 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जिनमें राजनीतिक और अलगाववादी नेता, धार्मिक नेता, पथराव करने वाले और ड्रग पैडलर्स शामिल हैं।

पिछले कुछ वर्षों में उच्च न्यायालय ने इसे ‘मनमाना’ करार देते हुए कई पीएसए के तहत हुई गिरफ्तारियों को खारिज कर दिया है। हालांकि क्षेत्रीय दलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का आरोप है कि प्रशासन विपक्ष को रोकने के लिए इस कानून का दुरूपयोग करता है। उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं को 2019 में इस कानून के तहत हिरासत में लिया गया जब जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था।

सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम पर राज्य की सियासत गरमाई

आपको बता दें, पब्लिक सेफ्टी एक्ट के इस्तेमाल ने उन परिवारों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है जिनके प्रियजनों को इस कठोर कानून के तहत अलग-अलग जेलों में बंद रखा गया है। कई मामलों में वे देश के अन्य राज्यों में अपने घरों से दूर कैद हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही यह मुद्दा गरमा सकता है।

हालांकि उमर ने वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वे इस कानून को निरस्त कर देंगे। लेकिन बीजेपी सहित पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन और अपनी पार्टी (Apni Party) के अल्ताफ बुखारी ने उन्हें याद दिलाया है कि उनके दादा ही जम्मू-कश्मीर में इस कानून लेकर आए थे और उन्हें उन लोगों से माफी मांगनी चाहिए जो सालों से इसके शिकार हो रहे हैं।

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

बड़े प्यार से पत्नी ने पत्नी को किया फोन, खुशी-खुशी इस उम्मीद में पहुंचा मुंबई, फिर जो हुआ…
बड़े प्यार से पत्नी ने पत्नी को किया फोन, खुशी-खुशी इस उम्मीद में पहुंचा मुंबई, फिर जो हुआ…
‘भारत के पैसों से चलने वाली यूनिवर्सिटी में…’, AMU के अल्पसंख्यक दर्जे पर CM योगी ने कह दी ये बड़ी बात, सुनकर कांप उठा मुसलमान!
‘भारत के पैसों से चलने वाली यूनिवर्सिटी में…’, AMU के अल्पसंख्यक दर्जे पर CM योगी ने कह दी ये बड़ी बात, सुनकर कांप उठा मुसलमान!
बाबा बागेश्वर पदयात्रा, 8 दिन में 160 किलोमीटर,सफर में भव्य भजन संध्या जैसे कार्यक्रम
बाबा बागेश्वर पदयात्रा, 8 दिन में 160 किलोमीटर,सफर में भव्य भजन संध्या जैसे कार्यक्रम
Viral Video: इंजन और कोच के बीच दबकर मर गया कर्मचारी, हादसे के बाद ट्रेन को छोड़कर फरार हुआ लोको पायलट, वीडियो देखकर कांप उठेंगी रूहें
Viral Video: इंजन और कोच के बीच दबकर मर गया कर्मचारी, हादसे के बाद ट्रेन को छोड़कर फरार हुआ लोको पायलट, वीडियो देखकर कांप उठेंगी रूहें
PKL-11 के दूसरे चरण की नोएडा में होगी शुरुआत, यूपी योद्धाज और यू मुंबा में होने वाली है जबरदस्त टक्कर
PKL-11 के दूसरे चरण की नोएडा में होगी शुरुआत, यूपी योद्धाज और यू मुंबा में होने वाली है जबरदस्त टक्कर
रेलवे की बड़ी लापरवाही, कोच और इंजन के बीच दबने से शंटमैन की मौत, रेल मंत्रालय से नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
रेलवे की बड़ी लापरवाही, कोच और इंजन के बीच दबने से शंटमैन की मौत, रेल मंत्रालय से नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
मरने से पहले लोगों को दिखाई देने लगती है ऐसी चीजें, कई लोगों की मौतें देख नर्स ने किया खुलासा, जिसे जान आपके भी उड़ जाएंगे होश
मरने से पहले लोगों को दिखाई देने लगती है ऐसी चीजें, कई लोगों की मौतें देख नर्स ने किया खुलासा, जिसे जान आपके भी उड़ जाएंगे होश
पाकिस्तान के क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोट में लोगों के उड़ गए चिथड़े, घटना का सीसीटीवी फुटेज हुआ वायरल, वीडियो देखकर कांप उठी पूरी दुनिया
पाकिस्तान के क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोट में लोगों के उड़ गए चिथड़े, घटना का सीसीटीवी फुटेज हुआ वायरल, वीडियो देखकर कांप उठी पूरी दुनिया
पैसों के लिए आरोपियों का कारनामा,जालसाजों ने किर्गिस्तान का वीजा दे दिया, हड़पी मोटी रकम
पैसों के लिए आरोपियों का कारनामा,जालसाजों ने किर्गिस्तान का वीजा दे दिया, हड़पी मोटी रकम
2 अरब साल पहले मंगल ग्रह पर था महासागर, चीनी वैज्ञानिकों ने कर दिए चौंकाने वाले खुलासे, निकाल लाए ऐसे-ऐसे सबूत
2 अरब साल पहले मंगल ग्रह पर था महासागर, चीनी वैज्ञानिकों ने कर दिए चौंकाने वाले खुलासे, निकाल लाए ऐसे-ऐसे सबूत
दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा 11 हजार की आबादी वाला ये देश…2050 तक का है समय, इस प्रलयकारी विनाश से बचने के लिए बनाया जा रहा दीवार
दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा 11 हजार की आबादी वाला ये देश…2050 तक का है समय, इस प्रलयकारी विनाश से बचने के लिए बनाया जा रहा दीवार
ADVERTISEMENT