India News (इंडिया न्यूज़), Vaibhav Gupta, Bhopal: भाजपा सनातन का सम्मान करती हैं, लेकिन हमारा विधायक हिंदुत्व का अपमान करता है। विधायक प्रदीप पटेल की विकास कार्यों में किसी तरह की कोई रुचि नहीं है। लेकिन पार्टी ने एक बार प्रदीप पटेल को टिकट देकर हम कार्यकर्ताओं का अपमान किया है।
‘इन्होंने रामायण जलाई, तुलसी पर पेशाब किया, हमें ऐसा सनातन विरोधी प्रत्याशी नहीं चाहिए। प्रत्याशी नहीं बदला तो हम नोटा को वोट दे देंगे लेकिन भाजपा को वोट नहीं देंगे। भाजपा से हमें बैर नहीं है, लेकिन प्रदीप पटेल तेरी खैर नहीं है’ विधायक प्रदीप पटेल पर यह आरोप भाजपा कार्यालय पहुंचे मऊगंज विधानसभा सीट के भाजपा कार्यकर्ताओं ने लगाया है।
दो बस भरकर भोपाल स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे कार्यकर्ताओं ने आला नेताओं के सामने प्रत्याशी बदलने की मांग रखी है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि भाजपा सनातन का सम्मान करती हैं, लेकिन हमारा विधायक हिंदुत्व का अपमान करता है। विकास कार्यों में किसी तरह की कोई रुचि नहीं है। लेकिन पार्टी ने एक बार प्रदीप पटेल को टिकट देकर हम कार्यकर्ताओं का अपमान किया है। अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम मऊगंज विधानसभा में पार्टी के लिए काम नहीं करेंगे।
मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सत्ताधारी दल भाजपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। भाजपा ने अब तक चार सूचियों में 136 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है। जिसमें पार्टी ने कई केंद्रीय मंत्री, सासंदों, राष्ट्रीय महासचिव सहित कई दिग्गजों को टिकट देकर सभी को चौंका दिया है। लेकिन भाजपा के इसी प्रत्याशी चयन पर अब पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सवाल खड़े कर हैं।
प्रत्याशियों के नामों के एलान के बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों का प्रतिदिन विरोध देखने को मिल रहा है। इस बगावत के बीच नेताओं का अपने पुराने दलों से मन भरना भी शुरु हो गया है। पूर्व विधायक अभय मिश्रा ने कांग्रेस रीवा प्रभारी भानु प्रताप शर्मा से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में डेढ़ घंटे चर्चा हुई। अभय ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा हैं। कहा जा रहा है कि अभय मिश्रा एक बार फिर कांग्रेस के संपर्क में है।
होशंगाबाद सीट से वर्तमान विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीतासरण शर्मा का विरोध हो रहा है। हालांकि सीतासरण शर्मा को अभी टिकट नहीं मिला है। लेकिन उन्हें टिकट न मिलें इसके लिए बड़ी संख्या में नर्मदापुरण के कार्यकर्ता प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। इनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर ‘परिवर्तन होशंगाबाद’, ‘परिवारवाद, सामंतवाद नहीं चलेगा’, ‘कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे कराने वाला नहीं चलेगा’ जैसे नारे लिखे थे। कार्यकर्ता तख्तियां लेकर बीजेपी कार्यालय परिसर में बैठे रहे। सीतासरण के विरोध में आए लोगों ने मौन रखा। जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने तख्तियां दिखाकर अपना संदेश दिया। दूसरी तरफ सीतासरण शर्मा के समर्थन में भी लोग बीजेपी पदाधिकारियों से मिले।
मऊगंज विधानसभा, होंशगाबाद विधानसभा के बाद खंडवा जिले की पंधाना विधानसभा सीट से भी भाजपा कार्यकर्ताओं के बगावती तेवरों का सामना भोपाल में बैठे नेताओं को करना पड़ रहा है। पंधाना सीट से टिकट बदलने की मांग को लेकर करीब एक दर्जन महिलाएं भोपाल पहुंची और वर्तमान विधायक राम दांगोरे को बदलने की मांग की। राम दांगोरे के विरोध में बीजेपी ऑफिस आई सोनाली रांगेडे ने आरोप लगाया कि हम सभी नौ दावेदार भोपाल आए हैं।
वर्तमान विधायक का भारी विरोध है। उनका जमीनी स्तर कमजोर है। हम चाहते हैं कि बाहरी ना हो लोकल का प्रत्याशी उतारा जाए। हम नौ दावेदारों में से किसी एक को दिया जाए। महिलाओं के प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विधायक योगिता नवल बोरकर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गंगा बाई मोरे भी भोपाल पहुंची।
भाजपा की प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए पार्टी कार्यकर्ता ने अपनी बात नेतृत्व तक पहुंचा दी है। इस बीच टिकट न मिलने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला भी तेज है। मध्य प्रदेश के सागर जिले में बंडा विधानसभा से टिकट नहीं मिलने के बाद बगावती तेवर अपनाए। भाजपा नेता सुधीर यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि पार्टी उन्हें पहले एक बार टिकट दे चुकी है।
लेकिन इस बार टिकट नहीं मिलने के बाद सुधीर यादव ने पार्टी को अपने बगावती तेवर दिखाए थे। सुधीर यादव ने अब सोशल मीडिया पर इस्तीफा का ऐलान किया है। सुधीर यादव सागर जिले में यादवों के बड़े नेता हैं और उनके स्थिति पर से भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यादव समाज का वोट बैंक भाजपा से छिटक सकता है। सुधीर यादव निर्दलीय या अन्य किसी पार्टी से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
यह हमारी पार्टी का अंदरुनी मामला है। हमारे नेता कार्यकर्ताओं से बात कर सभी मसलों को सुलझा लेंगे। हमारी पार्टी विचारधारा आधारित पार्टी है। कांग्रेस की तरह परिवारवाद की हिमायती भाजपा नहीं है। भाजपा में हर कार्यकर्ता की बात को सुना जाता है। हमारी पार्टी में सामूहिक फैसले लिए जाते हैं। कांग्रेस की तरह गांधी परिवार की तानाशाही भाजपा में नहीं चलती है।
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता की बात को कोई सुनना नहीं चाहता है। भाजपा ने फिर वही पुराने और थकाऊ नेताओं को टिकट देकर पहले ही हार मान ली है। कार्यकर्ताओं की कोई सुन नहीं रहा है कि इसलिए उन्हें भोपाल आना पड़ा रहा है। हम कमलनाथ जी के नेतृत्व में एक बार सरकार बनाने जा रहे हैं।
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