India News (इंडिया न्यूज़), Haryana Politics: नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने से हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज नाराज बताए जा रहे हैं। वह मंगलवार को शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए, जबकि उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। हालांकि अनिल विज ने बुधवार को कहा कि मैं नाराज नहीं हूं। उन्होंने कहा कि बदलाव होता रहता है। मैं पहले से ज्यादा काम करूंगा। पूर्व मंत्री ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी का बहुत बड़ा भक्त हूं। मैंने हर परिस्थिति में बीजेपी के लिए काम किया, अब भी करूंगा। मैं पहले से भी ज्यादा काम करूंगा।
सूत्रों के मुताबिक, जेपी नड्डा के दो बार फोन करने के बाद फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेने को लेकर अनिल विज के रुख में नरमी आई है। हालांकि नाराजगी अब भी बरकरार है। मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर उन्होंने अभी तक आलाकमान को सहमति नहीं दी है। आज हरियाणा विधानसभा में फ्लोर टेस्ट भी है और अनिल विज अपनी निजी कार से अंबाला से चंडीगढ़ पहुंचे हैं।
बीजेपी के लिए अनिल विज का होना बहुत जरूरी
हरियाणा में बीजेपी की राजनीति गैर-जाट समुदाय के बीच है। इसे देखते हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जाट समुदाय से आने वाले दुष्यंत चौटाला ने पार्टी से गठबंधन तोड़ दिया, ताकि गैर-जाटव समुदाय के वोटों पर अपनी पकड़ बरकरार रखी जा सके। बीजेपी का राजनीतिक आधार पंजाबी समुदाय के बीच है। अनिल विज पंजाबी समुदाय के दिग्गज नेता माने जाते हैं और उनके नाराज होने से हरियाणा में पंजाबी वोटों के नाराज होने का खतरा है। यही वो वजहें हैं जो अनिल विज को बीजेपी के लिए अहम बनाती हैं। इसीलिए बीजेपी उन्हें मनाने की कोशिश कर रही है, जिसके लिए डिप्टी सीएम तक का ऑफर दिया जा रहा है।
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