India News (इंडिया न्यूज़), CBI Investigation In Manipur: सीबीआई मणिपुर हिंसा के साथ-साथ नौ और मामलो की जांच अपने हाथ में लेने वाली है, जिससे एजेंसी की ओर से जांच किए जाने वाले मामलों की कुल संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी यह जानकारी अधिकारियों ने दी घटना है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के के खिलाफ अपराध या यौन उत्पीड़न से संबंधित किसी अन्य मामले को भी प्राथमिकता के आधार पर उसे भेजा जा सकता है।
अधिकारियों ने दी जानकारी
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने अब तक 8 मामले दर्ज किए हैं जिनमें मणिपुर में महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित दो मामले भी शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि वह 9 और मामलों की जांच की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार है उनके अनुसार जांच एजेंसी राज्य के चुराचांदपुर जिले में कथित यौन उत्पीड़न के एक और मामले को अपने हाथ में ले सकती है।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि जब समाज जातीय आधार पर बटा हुआ है उस स्थिति में सीबीआई को मणिपुर अभियान के दौरान पक्षपात के आरोपों से बचने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि एक समुदाय के व्यक्ति कि किसी मामले में पूरी तरह से लिप्त होने के परिणाम स्वरुप दूसरी तरफ से उंगली उठाई जाएगी।
तीन मई को शुरू हुई थी राज्य में हिंसा
तीन मई को राज्य में पहली बार जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई सौ लोग घायल हुए हैं। बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के दौरान यह हिंसा भड़की थी।
मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी नगा और कुकी समुदाय के लोगों की संख्या 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।