India News (इंडिया न्यूज़), Maharashtra Politics, (Ajit Pawar): महाराष्ट्र की सरकार में जब से अजीत पवार शामिल हुए हैं। तब से एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों की मानो नींद ही उड़ गयी है। हमेशा उन्हें डर सता रहा है की अजीत पवार अब सीएम बने तब सीएम बने। उनका ये डर अब धीरे-धीरे सच भी साबित होता हुआ दिखाई दे रहा है। क्योंकि जैसा की सभी को पता ही है की अजीत पवार का स्वभाव और काम करने का तरीक़ा बहुत ही आक्रमक होता है पवार का ये रूप शिंदे को साफ़ दिखाई भी दे रहा है। अब नया मामला है अजित पवार ने सीएम एकनाथ शिंदे के वॉर रूम के बगल में अपना दूसरा वॉर रूम (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) बनवा दी। इसकी शुरुआत भी कर दी है। अजीत पवार ने इसी वॉर रूम में बैठक भी कर डाली बैठक में सरकार के सभी सीनियर अधिकारी शामिल थे। अब ज़ाहिर सी बात है वॉर रूम से शीत युद्ध की शुरुआत हो चुकी है।
पिछले दो महीने से महाराष्ट्र की राजनीति लगातार सुर्खियों में बनी हुई है। चर्चा तब और ज़ोरों से होने लगी है जब से अजित पवार महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हुए हैं। अजीत पवार चाहे अपने चाचा शरद पवार से मुलाकात की हो या फिर एनसीपी पार्टी पर दावा का मामला हो इन तमाम फैसलों की वजह से अजित पवार लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। इस बीच अजित पवार ने ऐसा कदम उठा लिया है। जिसके बाद एक बार फिर विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का मौका तो मिल ही गया है। लेकिन शिंदे और अजीत पवार में बीच शीत युद्ध भी शुरू हो गया है ऐसी चर्चा अब ज़ोरों पर है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंत्रालय में एक प्रोजोक्ट मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना की और कई प्रोजेक्ट पर मीटिंग ली। इस मीटिंग में सरकार के सभी सीनियर अधिकारी मौजूद रहे। खास बात यह रही कि इस बैठक में मुख्यमंत्री के वॉर रूम में सर्वेक्षक राधेश्याम मोपलावर भी मौजूद थे। सभी में साथ अजित पवार ने राज्य में महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की। ये बैठक मंत्रालय के सांतवे फ्लोर पर हुई। इस बैठक के बाद मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि राज्य में परियोजनाओं की प्रोगेस की निगरानी वास्तव में कौन करता है? अजित पवार ने जो मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) शुरू किया है। वो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में शुरू की गई वार रूम के ठीक बगल में ही है। विपक्ष ने पूछा कि क्या इस वॉर रूम से सरकार में शीत युद्ध शुरू हो चुका है?
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के वॉर रूम के समानांतर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रॉजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) गठित की है। इसकी सरकार में ही नहीं बल्कि विरोधी खेमे में भी खूब चर्चा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार में शीत युद्ध शुरू हो चुका है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार के प्रॉजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट में वहीं अधिकारी मौजूद थे। जो मुख्यमंत्री के वॉर रूम में होते हैं। अजित पवार ने राज्य में महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की। बैठक के बाद मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने यह सवाल है कि राज्य में परियोजनाओं की प्रोग्रेस की निगरानी वास्तव में कौन करता है?
वॉर रूम के जरिए मुख्यमंत्री पुणे में समृद्धि हाइवे, रिंग रोड या एयरपोर्ट के काम जैसी पचास से अधिक परियोजनाओं की समीक्षा कर चुके हैं। आये दिन वह इस वॉर रूम से कई बड़ी मीटिंग करते रहते है। एमवीए सरकार में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसका नाम बदलकर संकल्प चैंबर किया था। लेकिन सत्ता बदलने पर फिर से इसका नाम वॉर रूम नाम दिया गया।
अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि जब सीएम एकनाथ शिंदे खुद सभी विकास कार्यों की देख रेख कर रहे हैं। तो फिर डीसीएम अजीत पवार को क्या ज़रूरत पड़ गई कि वह भी वार रूम जैसा पीएमयू बनाये और विकास कार्यों का जायज़ा लें। इसका साफ़ संदेश जाता है की एकनाथ शिंदे का रुतबा सरकार में उतना नहीं रहा जैसा उन्हें लग रहा है। तो क्या ये तय हो चुका है कि शिंदे की कुर्सी ख़तरे में हैं इससे साफ़ समझा जा रहा है। क्योंकि अजीत पवार का समानांतर वॉर रूम बनाना और विकास कार्य की मीटिंग लेना ये साफ़ कहता है कि शिंदे पर बीजेपी को भरोसा नहीं है ऐसा सूत्रों ने कहा है।
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