Encounter In Jammu
इंडिया न्यूज, श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में 15 नवंबर की शाम हुई मुठभेड़ की में मारे गए 4 आतंकियों में से एक आंतकी की अब जांच के आदेश दे दिये गए है। मारे गए इस आतंकी का नाम मुदस्सिर गुल बताया जा रहा है। स्वजनों का आरोप है कि डॉक्टर गुल को फर्जी तरीके से मुठभेड़ में मार दिया गया। वह कोई आतंकियों के लिए काम नहीं कर रहा था। हालांकि इस पर स्थानीय पुलिस का कहना है कि डॉ गुल आतंकवादियों के लिए पीठ पीछे से मदद करता था।
वहीं स्वजनों के भारी विरोध के चलते जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस मुठभेड़ की जांच के आदेश दे दिये हैं और आदेश देते हुए उन्होंने कहा कि वादी के अंदर किस के साथ किसी भी प्रकार की कोई नाइंसाफी नहीं होगी। इस मुठभेड़ के विरोध में डॉ. गुल की फैमली विगत दोनों से कश्मीरी के प्रेस कॉलोनी में प्रदर्शन कर रही थी। इस प्रदर्शन में मृतक आतंकी डॉ. गुल की पत्नी के साथ उसकी एक साल की बेटी भी शामिल है। बच्ची की प्रदर्शन में रो-रोकर बुरा हाल है। प्रदर्शन में शामिल अन्य लोगों की भी आंखे डॉ गुल को न्याया दिलाने को लेकर गमजादा हैं।
पुलिस ने मुठभेड़ के बाद मारे सभी 4 आतंकी समेत डॉ. गुल के शवों को दफना दिया है। वहीं प्रदर्शन में शामिल डा. गुल की पत्नी हुमैरा ने प्रशासन पर कई सावाल खड़े कर दिये हैं। उन्होंने प्रशासन ने जवाब मांगा है कि अगर मेरा पति आतंकी था या वह आतंकवादियों की मदद कर रहा था तो मुझे वह सबूत दिखाएं। अगर पुलिस मुझे उनके आतंकी होने का सबूत दे देती है तो मुझे और मेरे बच्चों को भी प्रशासन मार दे। लेकिन इससे पहले हमें इंसाफ चाहिए। मेरी बेटी अपने पापा को वह बार बार पूछ रही है कि वह कहां गए।
रोते हुए हमैरा ने बताया कि सोमवार की सुबह मेरे पति घर से किसी काम के लिए निकले थे। काफी देरे के बाद जब वह घर नहीं आए तो हमने उनको फोन किया, जोकि वह स्विच आॅफ आ रहा था। शाम को एक सूचना मिली कि उनको एक मुठभेड़ में मार दिया गया है। हमैरा ने भारतीय संविधान का हवाला देते हुए कहा कि आखिर मेरे पति का शव दफन करने से पहले हम और उनके बच्चों को दिखा तो देते, आखिर किसी कानून में यह लिखा है कि किसी कार्रवाई में मारे गए लोगों के शव को स्वजनों को नहीं दिखाया जाता है।
15 नवंबर की शाम को श्रीनगर में हुए एनकाउंटर में मारे गए चार आतंकियों में डॉ गुल के साथ मोहम्मद अल्ताफ भट भी शामिल है। हलांकि भट की मौत को लेकर संसय बना हुआ है कि उसकी मौत सुरक्षा बलों की गोली से हुए है या फिर आतंकियों की।
वहीं, पुलिस का कहना है कि मारे गए आतंकी भट ने अपना मकान की पहली मंजिल डॉ. गुल को किराए पर दे रखी थी। जिसका डॉ गुल इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और घाटी में आशांत फैलने के उद्देश्य के लिए कर रहा था। हलांकि वहां के लोग प्रशासन के इस तथ्य से बिल्कुल इनकार कर रहे हैं और इस मु़ठभेड़ की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं।
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