(इंडिया न्यूज़): दिल्ली में श्रद्धा वालकर हत्याकांड के बाद आयुषी यादव की हत्या ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। जी हां दोनों ही वारदातों में जिस तरह लड़कियों को उनके बेहद करीब के लोगों ने मारा, उसने सबको स्तब्ध कर दिया। श्रद्धा जहां 27 साल, वहीं आयुषी महज 21 साल की थी। दोनों ही लड़कियों ने अपने सपने देखने शुरू ही किए थे। श्रद्धा का कत्ल उसके प्रेमी ने किया, जबकि उन दोनों ने ही साथ रहने का फैसला लिया था। आयुषी की जान उसके पिता ने ली, जिनकी उंगली पकड़कर वह चलना सीखी थी। वहीं सामने आया है कि दोनों ही मामलों में विश्वास की कमी के चलते दोनों लड़कियों की हत्या की गई। श्रद्धा और आफताब के बाद आयुषी के पिता में भी अपनी बेटी के प्रति विश्वास की कमी देखने को मिली। आयुषी यादव हत्याकांड में पुलिस ने हैरान करने वाला खुलासा किया है।
बेटी की हत्या करने वाला पिता और उसका सहयोग करने वाली मां पुलिस हिरासत में है। 17 नवंबर की दोपहर दो बजे पिता नितेश यादव ने गोली मारकर अपनी बेटी आयुषी की हत्या कर दी थी। बेटी की हत्या के बाद वह साफ बचना चाहता था। इसलिए प्लान के तहत 11 घंटे तक घर में शव को रखे रखा। पॉलिथीन में पैक करके ट्रॉली बैग में बंद कर लिया। रात का इंतजार किया। 17 नवंबर की देर रात 3 बजे दंपती कार में हाईवे होकर निकले। हाईवे के कोटवन टोल पर 18 नवंबर की सुबह 5 बजे सीसीटीवी में यह कार कैद हुई। चालक सीट पर पिता तो बराबर वाली सीट पर मां ब्रजबाला बैठी हुई दिख रही थी। वृंदावन होकर कार से एक्सप्रेसवे पर चढ़े। उसके बाद माइल स्टोन 108 पर कृषि अनुसंधान केंद्र राया में सुबह 6.50 बजे ट्रॉली बैग को सर्विस रोड पर झाड़ियों में फेंक गए। सुनसान रास्ते पर फेंकने के बाद दंपती अपनी कार से एक्सप्रेसवे होकर घर के लिए दिल्ली चले गए।
मांट टोल (जाबरा) पर सुबह 7.10 बजे कार सीसीटीवी में जाते हुए कैद हुए। घर पहुंचने के बाद पिता लापता हो गया। पुलिस को स्वॉट टीम और राया पुलिस के अलावा 14 टीमों की मेहनत रंग लाई। एक कॉल ने ट्रॉली बैग में मिली खून से लथपथ लाश की पहचान करा दी। पुलिस की पहुंची दो टीमों ने भागदौड़ करके पिता को हिरासत में ले लिया था। पहचान कराने के बाद हत्याकांड का खुलासा किया। आपको बता दें कि आयुषी ने करीब एक साल पहले छत्रपाल गुर्जर निवासी भरतपुर से आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी। इसको लेकर घर में विवाद होता रहता था। आयुषी भरतपुर के रहने वाले एक युवक से प्रेम करती थी।
यह युवक उसके सहपाठी का रिश्तेदार भी है लेकिन माता-पिता इसके खिलाफ थे। इसी बात पर आयुषी का मां से झगड़ा हुआ, जिसके बाद मां ने पिता को इसकी सूचना दी। घर आए पिता ने आयुषी को समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी। इसके बाद आवेश में आकर पिता ने लाइसेंसी रिवाल्वर से उसको दो गोली मार दी थीं। पुलिस को छानबीन में आयुषी का मैरिज सर्टिफिकेट मिल गया। इसे पुलिस ने बरामद किया है। बदरपुर के मोरलबंद एक्सटेंशन की गली नंबर 65 में रहने वाले नितेश यादव और ब्रजवाला का एक बेटा आयुष 11 में पढ़ रहा है। बेटी आयुषी दिल्ली ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीसीए कर रही थी। उसका 2020-2023 का बैच था।
आयुषी पढ़ने में होशियार थी। हाल ही में उसने नीट भी पास कर ली थी, लेकिन वह काउंसिलिंग में नहीं गई। माता-पिता ने काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए काफी समझाया लेकिन वह नहीं मानी। पिता ने बताया कि वह हर बात पर परिवार का विरोध करने लगी थी। जिस लाइसेंसी रिवाल्वर से आयुषी को दो गोली मारकर हत्या की गई। उसका आर्म्स लाइसेंस देवरिया से बना हुआ है। 2003 में नितेश यादव के नाम से जारी हुआ है। उस समय नितेश करीब 25 साल के थे। अब उसकी उम्र करीब 44 साल है। देवरिया के गांव सोनाड़ी, थाना भलुअनी के रहने वाले नितेश के इस कृत्य की हर तरफ निंदा हो रही है। क्या अब जब उसकी शादी हो गई थी तो क्या आयुषी के पिता ने उसको मारकर ठीक किया या फिर उनको समझदारी से काम लेना चाहिए था।