India News (इंडिया न्यूज), Hemant Soren: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) इन दिनों मुखर हैं। ईडी की कार्रवाई ,राज्य में जातीय जनगणना और सरना धर्म कोड जैसे कई मामलों पर वह लगातार अपना पक्ष रख रहे है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि पिछड़े ,अति पिछड़े और आदिवासी शुरू से ही उपेक्षित वर्ग है। आजादी के इतने सालों बाद भी प्रगति नहीं कर पा रहे हैं।
ऐसे में यदि अब जातिगत जनगणना नहीं कराई जाएगी तो पिछडी, अति पिछड़ी जातियों की शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति का आकलन सही से नहीं हो पाएगा और सरकार को उनके बेहतरी और उत्थान के लिए नीति बनाना मुश्किल होगा। गौरतलब है की आज से 90 साल पहले जातिगत जनगणना वर्ष 1931 में की गई थी। इसी जनगणना के आधार पर मंडल कमीशन द्वारा पिछले वर्गों का आरक्षण देने की अनुशंसा की गई थी। जाहिर विकास का खाका तैयार करने की पहली शर्त होती है जमीनी हकीकत।
हेमंत सोरेन ने लगाया आरोप
जातिगत जनगणना पर झारखंड के मुख्यमंत्री भी मुखर है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह भी बताया कि 2021 में ही हमारी सरकार राज्यपाल को विधानसभा से पारित कर अनुशंसा कर दी थी। किसको कितना आरक्षण मिले या मिलना चाहिए यह भी भेज रखा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का बिल्कुल स्पष्ट मत है कि जो लोग जिस समूह में जितने हैं, उनको उतना अधिकार मिलना चाहिए। हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि क्योंकि मैं आदिवासी हूं। इसलिए मुझे परेशान किया जा रहा है। मुझ पर बेनामी संपत्ति बनाने का आरोप है।
‘मैं आदिवासी समाज से हूं’: हेमंत सोरेन
हेमंत ने यह भी कहा कि हम किसी के बढ़ने से यहां तक नहीं आए हैं, और ना ही किसी का दबाने से हम दबने वाले हैं। मुख्यमंत्री हेमंत ने आरोप लगाते हुए कहा कि इन दिनों जांच एजेंसियों का सहयोग राजनीतिक दल अपने हित साधने के लिए कर रहे हैं। ऐसे कई उदाहरण देश के सामने मौजूद है। सिर्फ संजय सिंह ही नहीं है। कई लोग कतार में है। उन्होंने कहा कि खुद मेरे बारे में भी लोग ऐसा ही सोचते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैं आदिवासी समाज से हूं मुझ पर बेनामी संपत्ति का आरोप लगता है। जिस संपत्ति की ना तो खरीद होती है ना बिक्री। बैंक भी लोन में मदद नहीं करता।
धर्म कोड और राजस्व पर भी उठाया सवाल
सीएम ने सरना धर्म कोड और राजस्व के सवाल भी उठाएं। मुख्यमंत्री ने जेपी नड्डा के बयान का हवाला देते हुए कहा की बीजेपी क्षेत्रीय दलों को समाप्त करना चाहती है। नड्डा ने गुरुवार को एक दिवसीय पटना दौरे में जोर देकर कहा था कि क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएगी , जेपी नड्डा ने फिर वही राग अलापा जो 31 जुलाई 2022 पटना में कार्यकारिणी की एक बैठक में बोले थे।बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि क्षेत्रीय पार्टी के खत्म होने वाली है। और ठीक 9 दिनों के बाद ही बिहार के क्षेत्रीय पार्टी जदयू के नेता नीतीश कुमार एनडीए छोड़कर दसवें दिन क्षेत्रीय पार्टी आरजेडी के साथ हो लिए थे।
14 महीने बाद एक बार फिर जेपी नड्डा ने पटना में क्षेत्रीय पार्टियों के समाप्त होने की बात कह दी है। नड्डा ने पहली बार यह बात कही थी। तब नीतीश कुमार खुद जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा से कहा था कि नड्डा जी को यह नही बोलनी चाहिए क्यूंकि हम गठबंधन में हैं । एक बार फिर जेपी नड्डा के बयान पर क्षेत्रीय दलों को नागवार लगा है।
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