इंडिया न्यूज, शिमला :
Himachal Weather हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन ने आम जनजीवन को बाधित कर दिया है। नेशनल हाईवे-5 पर बड़ी चट्टान गिर गई थी जिसके कारण यह मार्ग तीन दिन तक बंद रहा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने कड़ी मशक्कत के बाद चट्टान को हटाया। 72 घंटों बाद शुक्रवार देर रात करीब बारह बजे एनएच-5 को लोगों की आवाजाही के लिए एक तरफ से ही सिर्फ अब तक खोला गया है। तीन दिन में इस मार्ग पर 15 किलोमीटर तक जाम लग गया था और हजारों की संख्या में रास्ते में गाड़ियां फंसी रही। हाईवे खुलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। वहीं दूसरी और मनाली के पास नेशनल हाईवे-3 बंद हो गया था। उसे भी वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है। इस हाईवे के बंद हो जाने के बाद रोहतांग समेत लाहौल-स्पीति और केलांग का संपर्क टूट गया था। अब यहां से भी वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। नेशनल हाईवे-5 को बहाल न कर पाने पर यहां पर फंसे लोगों रात को 9:00 बजे के बाद सैकड़ों लोगों ने सरकार और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी। लोगों का कहना था कि 3 दिन से वह यहां पर फंसे हुए हैं, लेकिन कोई भी उनकी सुध नहीं ले रहा है। हालांकि करीब 2 घंटे बाद हाईवे को बहाल कर दिया गया।
Himachal Weather तीन दिन तक भारी बारिश की चेतावनी
प्रदेश के दोनों एनएच बहाल तो हो गए हैं पर हिमाचल में मानसून दोबारा सक्रिय हो चुका है। आने वाले तीन दिन तक राज्य में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। ऐसे में हाईवे के दोबारा से बंद होने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने अभी भी मशीनें वहीं पर तैनात कर कर रखी हैं, जहां पर लैंडस्लाइड हुए हैं।
Himachal Weather नेशनल हाईवे 205 का 100 मीटर हिस्सा धंसा
नेशनल हाईवे-205 अब तक भी बहाल नहीं हो पाया है। यह मार्ग शिमला से धर्मशाला को जोड़ता है। सोमवार रात को हिमाचल लॉ यूनिवर्सिटी के पास एनएच का 100 मीटर का हिस्सा धंस गया था। हालांकि वैकल्पिक मार्ग से वाहनों को भेजा जा रहा है, लेकिन जगह-जगह पर जाम लगने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शिमला प्रशासन की ओर से यहां पर बोर्ड भी लगा दिए गए हैं, लेकिन हाईवे को जल्द से जल्द दुरुस्त करना प्रशासन के लिए चुनौती भरा है, क्योंकि इस हाईवे पर ट्रैफिक लोड काफी रहता है। रोजाना लाखों की संख्या में वाहन इधर से उधर जाते हैं। इसी हाईवे से होकर सम्मान से भरे ट्रक और बसें भी चलती हैं। इस मार्ग को हिमाचल की सेंटर रेखा भी कहा जा सकता है, क्योंकि यह प्रदेश के बीचों-बीच होकर कई जिलों को कवर करता हुआ यह नेशनल हाईवे गुजरता है।
Read More : Weather Report दिल्ली में रिकॉर्ड 1160.8 एमएम बारिश