-शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के एलीमेंटरी शिक्षा अधिकारियों को धांधली करने वाले टीचर्स के खिलाफ केस दर्ज करवाने के आदेश दिए
डॉ. रविंद्र मलिक
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
हरियाणा के शिक्षा विभाग की निगाह ऐसे टीचर्स पर निरंतर बनी हुई है, जिनकी एक दशक पहले नौकरी लगी थी और इसके लिए उन्होंने गलत रास्ता अख्तियार किया था। इसी कड़ी में जेबीटी टीचर्स की भर्ती भी सामने आई। ये भर्ती बेहद चर्चा में उस वक्त भी रही थी और एक बार फिर से इसको लेकर सुबगुहाट शुरू हो गई है। विभाग ने उस वक्त ज्वाइन करने वाले सभी टीचर्स का फिजिकल वेरिफिकेशन करवाने का निर्णय लिया था। इस बारे में जो रिपोर्ट आई है, उसमें कुल 756 टीचरों की जॉइनिंग हुई थी। इनमें से 8 फीसदी टीचर्स ऐसे हैं जिनकी फिजिकल वेरिफिकेशन रिपोर्ट संदेह के दायरे में पाई गई है। इसको देखते हुए शिक्षा विभाग ने इन सभी टीचर्स के खिलाफ पुलिस एफआईआर कराने के लिए संबंधित जिलों के डिस्ट्रिक्ट एलीमेंटरी एजुकेशन आॅफिसर्स (डीईईओ) को आदेश जारी कर दिए हैं। इन सभी टीचर्स की जानकारी भी उनको दी गई है और जरूरी रिपोर्ट भी जल्द दी जाएगी। संदिग्ध पाए गए टीचर में पुरुष और महिला दोनों कैटेगरी के अध्यापक शामिल हैं। जिस सख्ती के मूड में फिलहाल शिक्षा विभाग नजर आ रहा है, उससे साफ है कि इन टीचर्स का नपना तय है।
756 मे में कुल 60 टीचर्स ऐसे हैं, जिनके फिजिकल वेरिफिकेशन मिसमैच पाई गई या कहें कि उनके उंगली व अंगूठे के निशान उस वक्त लिए गए थे और फिर रिपोर्ट में अब उनके उंगली या अंगूठे के निशान में अंतर सामने आया है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। इन टीचर्स की ड्यूटी प्रदेश के 19 जिलों के अलग-अलग स्कूलों में है।
जिन 60 टीचर्स के खिलाफ एफआईआर की संस्तुति की गई है, उनमें से सबसे ज्यादा मेवात कैडर में लगे हैं। 11 टीचर्स ने वहां ज्वाइन किया था। इनमें सभी पुरुष कैंडिडेट्स हैं और महिला कोई नहीं है। इसके अतिरिक्त अंबाला से 7 टीचर्स हैं तो हिसार और फरीदाबाद में पांच-पांच टीचर्स की तैनाती है। झज्जर में 4 टीचर्स, सोनीपत, फतेहाबाद और गुरुग्राम हर जिले में 3-3 स्कूल टीचर्स हैं। इसके बाद करनाल, पानीपत, सिरसा और सोनीपत में स्कूलों में दो-दो टीचर हैं जो वेरिफिकेशन में सही नहीं पाए गए। नारनौल, पलवल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर जिलों में 4 टीचर्स की तैनाती है, जिन पर एफआईआर के लिए कहा गया है।
जिन टीचर्स का फिजिकल वेरिफिकेशन मिसमैच पाया गया है, उनमें से महिलाएं भी हैं। इनमें भिवानी, गुरुग्राम, जींद और कुरुक्षेत्र से 4 महिला टीचर हैं। वहीं हिसार और झज्जर से 4-4 महिला टीचर हैं। वहीं फरीदाबाद से 2 टीचर्स हैं। इनके अलावा पानीपत से 1 महिला टीचर है। इस लिहाज से कुल संदिग्ध रिकॉर्ड वाले टीचर्स में करीब 25 फीसदी महिलाएं हैं। ये बता दें कि ये भर्ती साल 2008-09 में तत्कालीन हुड्डा सरकार में हुई थी। इसके बाद इसकी लिखित परीक्षा हुई थी। क्वालिफाई करने वाले टीचर्स की फिजिकल वेरिफिकेशन हुई थी।
मामला हाईकोर्ट में भी पहुंच गया था। हाईकोर्ट के आदेश आने के बाद इन टीचर्स की फिजिकल वेरिफिकेशन करवाई गई थी। इस केस में फॉरेंसिक लैब मुधबन ने भी कोई साफ राय नहीं दी थी। इसमें संदेह जताया गया था कि कुछ कैंडिडेट्स ऐसे हैं, जिनकी जगह परीक्षा किसी और ने दी थी और ऐसे में फिजिकल वेरिफिकेशन की जांच की मांग की थी।
बता दें कि कुछ समय पहले शिक्षा विभाग द्वारा करीब 2 दशक पहले ज्वाइन करने वाले मैथ टीचर्स का भी रिकॉर्ड मांगा गया था। इस बारे में मुख्यमंत्री और चीफ सेक्रेटरी के पास शिकायत आई थी, जिसके बाद निदेशालय स्तर पर जांच के आदेश सामने आए थे। कुल 34 मैथ टीचर्स का रिकॉर्ड मांगा गया था, इनकी 12 जिलों में पोस्टिंग थी। इन टीचर्स ने 2002 से 2004 के बीच में ज्वाइन किया था और इन सबके दस्तावेज मांगे गए थे।
धनपत राम, डीईईओ, हिसार ने कहा कि शिक्षा विभाग की तरफ से हमें पत्र प्राप्त हुआ है। जो भी कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं, उनकी पालना की जाएगी। आगे की कार्रवाई के लिए 3 सितंबर को शिक्षा विभाग बुलाया गया है। उनको वहां कमेटी की संबंधी सारी रिपोर्ट दी जानी है। जिन भी टीचर्स की रिपोर्ट संदिग्ध है, उनके खिलाफ आपराधिक केस दर्ज होगा।
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