India News (इंडिया न्यूज़),Jharkhand News: झारखंड में बीजेपी अक्सर गुटबाजी रोकने के लिए इसी तरह स्ट्रेटजी बदलती है। याद होगा, पहले अर्जुन मुंडा को कुछ आरोप के बाद राज्य की पॉलिटिक्स से हटाकर दिल्ली शिफ्ट कर दिया गया था। और अब रघुवर दास के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। ओडिशा के गवर्नर बनने के बाद रघुवर दास कुशल राजनीतिज्ञ की तरह अपने दर्द को बस जयकारा लगा कर छिपाए है–जय जगरनाथ।
जमशेदपुर में टाटा स्टील के रोलिंग मिल में मजदूर के रूप में काम करते हुए जेपी आंदोलन के वक्त छात्र राजनीति में आए रघुवर दास की छवि ईमानदार नेता की है। तमाम उतार चढ़ाव के बीच मंत्री ,मुख्यमंत्री पद से अब उन्हें राज्यपाल की जिम्मेदारी दी गई है। इनके पास राजनीतिक अनुभव तमाम है। आम चुनाव के अलावे विधानसभा चुनाव भी अगले साल झारखंड में होने है ।रघुवर दास ओबीसी के कद्दावर नेता हैं।
ऐसे में ओडिसा का राज्यपाल बनाया जाना कार्यकर्ताओं को जम नहीं रहा। साफ है की बाबूलाल मारंडी को खुली छूट देने, संगठन में जैसा चाहे वैसा करें, के लिए ही मैदान साफ किया गया है। अब बाबूलाल के ऊपर जिम्मेवारी होगी लोकसभा चुनाव में 2019 की तरह ही प्रदर्शन करना। बाबूलाल मरांडी ट्राइबल के बड़े नेता है। संथाल परगना में संताल आदिवासियो के बीच इनकी पकड़ है। लेकिन इनके साथ झारखंड में बीजेपी के कोई अनुभवी नेता नही है सभी जूनियर हैं।
हाल ही में सचेतक बनाए गए जेपी पटेल या नेता विरोधी दल अमर बाउरी। ये यस बॉस कहने वाले ही होंगे। अनुसूचित जनजाति के अध्यक्ष अमर बाउरी इसके पहले बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम में थे। रघुवर दास पांच साल झारखंड के मुख्यमंंत्री रह चुके हैं। झारखंड बीजेपी में कई बड़ी जिम्मेदारियां निभाने वाले रघुवर दास गवर्नर बनेंगे किसी ने कल्पना नहीं की थी। बीजेपी के लिए एक एक सीट महत्वपूर्ण है।
लेकिन झारखंड में इस उलटफेर से साफ है की पार्टी बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में राज्य में चुनाव लडना चाहती है। बीजेपी को लग रहा था की मरांडी के नाम पर रघुवर दास रोड़ा बन सकते थे। बाबूलाल मरांडी को फ्रंटफुट पर खुलकर खेलने का मौका पार्टी ने दी है। बीते विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रहते रघुवर दास अपनी विधायकी गवा कर पार्टी में अपनी छवि थोड़ी धूमिल की थी।
गौरतलब है की रघुवर के ही मंत्री रहे सरयू राय खटपट के बाद बतौर निर्दलीय रघुवर दास को जमशेदपुर पूर्वी सीट से हराया, जहां से रघुवर लगातार जीत रहे थे। एक बार फिर सरयू राय बीजेपी का दामन थाम सकते हैं, सियासी गलियारे में इसकी चर्चाएं भी तेज है। बाबूलाल मरांडी को बीजेपी अभी हाल ही में झारखंड का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त की है।
इसके साथ ही पार्टी ने अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष और चंदनक्यारी के विधायक अमर बाउरी को विधानसभा में नेता विरोधी दल और कुरमी जाति के मांडू क्षेत्र के विधायक जेपी पटेल को सचेतक बनाकर राज्य में इबीसी और ओबीसी वोट पर भी सेंधमारी करने की कोशिश की है।
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