India News (इंडिया न्यूज), Karnataka: कर्नाटक के गडग में चार लोगों की हत्या के मामले में पुलिस ने सुपारी किलिंग गिरोह को गिरफ्तार कर मामले को सुलझाने का दावा किया है। इस हत्याकांड में बड़े बेटे विनायक बकाले ने संपत्ति विवाद को लेकर अपने छोटे भाई और माता-पिता की हत्या कराने के लिए 65 लाख रुपये की सुपारी दी थी। हालाँकि, साजिश पूरी तरह सफल नहीं हो पाई और उनके माता-पिता की जान बच गई।
बाल-बाल बचे माता-पिता
पुलिस के मुताबिक, 19 अप्रैल को 35 साल के विनायक के साथ उसके छोटे भाई कार्तिक बकाले (27), करीबी रिश्तेदार परशुराम हादिमानी (55), लक्ष्मी हादिमानी (45) और आकांक्षा हादिमानी (45) की हत्या कर दी गई। 19 अप्रैल को गडग के दशहरा ओनी में सुपारी लेने वालों का एक गिरोह (16) मारा गया। लक्ष्य के माता-पिता सुनंदा बकाले और प्रकाश बकाले बाल-बाल बच गये।
प्रकाश और सुनंदा बीजेपी के स्थानीय नेता
प्रकाश और सुनंदा बीजेपी के स्थानीय नेता हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कार्तिक की शादी तय हो गई थी और हादिमानी परिवार उसमें शामिल होने के लिए ही वहां आया था। इस हत्याकांड के बाद जब देखा गया कि घर से शादी के गहने और अन्य कीमती सामान तो नहीं ले जाया गया है तो यह साफ हो गया कि इस हत्याकांड की वजह डकैती तो नहीं थी।
65 लाख रुपये में दी गई थी सुपारी
आईजी पुलिस (नॉर्थ जोन) विकास कुमार ने बताया कि विनायक ने फिरोज को 65 लाख रुपये की सुपारी दी थी, जिससे उसने गाड़ियों और हथियारों का इंतजाम किया था। अपराध में शामिल गिरोह के अन्य सदस्यों में फिरोज काजी (29), जिशान काजी (24), जुड़वां भाई सोहेल अशफाक काजी (19), साहिल अशफाक काजी (19), गडग के सभी, सुल्तान जिलानी शेख (23), महेश शामिल हैं। जगन्नाथ सालुके (21) सभी को महाराष्ट्र के सांगली से पकड़ा गया है।
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