India News (इंडिया न्यूज),Lucknow News: उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर मंथन शुरू कर दिया है। सीतापुर में 88 हजार ऋषियों की तपोस्थली माने जाने वाले नैमिषारण्य से इसकी शुरुआत कर दी गई है। बुधवार को अवध क्षेत्र के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों के साथ संगठन की हुई बैठक में चुनाव के लिए सबको टास्क सौंपा गया। कहा गया कि यूपी में लोकसभा की अब 80 में से 80 सीटें जीतने की तैयारी में जुटने को कहा।
माना जा रहा है कि हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने में जुटी बीजेपी ने आज ऋषियों की तपोस्थली नैमिषारण्य को इसी वजह से चुना है ताकि यहां से सबको संदेश दिया जा सके। लखनऊ के बाहर पहली बार नैमिषारण्य में अनिल शास्त्री के वेद व्यास पीठ आश्रम में हुई आयोजित इस बैठक का उद्घाटन प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल ने किया।
बीजेपी की इस बैठक में पहला फोकस दो नवंबर को लखनऊ में होने वाले दलित सम्मेलन को लेकर था।अवध क्षेत्र में आने वाले सरकार के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों के साथ संगठन के पदाधिकारियों, जिला पंचायत अध्यक्षों और अनुसूचित मोर्चा के कार्यकर्ताओं को जिम्मा दिया गया कि इस सम्मेलन में कम से कम दो लाख की भीड़ दिखनी चाहिए।
संगठन महामंत्री धर्मपाल ने कहा कि इस सम्मेलन से सबको संदेश जाएगा कि दलितों के लिए बीजेपी ने कितना काम किया है। सभी मंत्री, सांसद, विधायक और पदाधिकारी हर मंडल के हर बूथ से अनुसूचित जाति के लोगों की इस सम्मेलन में भागीदारी करवाएं।
इसके साथ ही हर विधानसभा में होने वाले महिला सम्मेलनों को भी सफल बनाने में जुट जाएं। उन्होंने कहा कि दो नवंबर को होने वाले दलित सम्मेलन में ज्यादा से ज्यादा दलित वर्ग के लोग पहुंचने चाहिए। इसके लिए सभी लोग घर-घर संपर्क करें। इसके अलावा सभी को नए वोटर बनाने और विपक्ष के वोट कम करवाने में भी जुट जाने को कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक नैमिषारण्य के बाद अयोध्या और देवीपाटन मंडल में भी अवध क्षेत्र की बैठकें आयोजित की जाएंगी। बीजेपी ने अपने एजेंडे को धार देने के लिए धार्मिक स्थलों का चयन इसलिए किया है क्योंकि सभी दल ‘साफ्ट’ हिंदुत्व के एजेंडे को अपनाने में जुट गए हैं। समाजवादी पार्टी बीती नौ और दस जून को नैमिषारय्ण से ही ट्रेनिंग कैंप की शुरुआत कर चुकी है तो कांग्रेस भी अब उसी राह पर है।
दो दिन से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी उत्तराखंड में गंगा और भागीरथी के तट पर देवप्रयाग में पूजन कर रहे हैं तो कांग्रेस अध्यक्ष नवरात्र में कन्या पूजन कर रहे हैं। बीजेपी का मानना है कि अब उसे अपने हिंदुत्व की धार और तेज करनी होगी। बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि अब अगली बैठक अयोध्या और देवीपाटन में होगी। यह भी हिंदुत्व को धार देने का प्रयोग होगा।
बीजेपी के अवध क्षेत्र में संगठनात्मक 15 संसदीय क्षेत्र आते हैं। इनमें रायबरेली, श्रावस्ती और अम्बेडकर नगर को छोड़कर 13 बीजेपी के सांसद हैं। वहीं अवध क्षेत्र में 82 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें 64 पर बीजेपी के विधायक हैं। बैठक में सभी सांसदों और विधायकों के साथ हारी हुई सीटों पर 2019 में चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों को भी बुलाया गया था। इन सबको अगले चुनाव की तैयारी में जुट जाने को कहा गया है।
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