India News(इंडिया न्यूज), Madhya Pradesh: मप्र के इंदौर में दिलचस्प एक मामला सामने आया है। जहां कोर्ट ने रेप के आरोपी को दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया। लगभग 3 साल पहले एक प्रेमिका ने अपने शादीशुदा प्रेमी के खिलाफ दुष्कर्म, गर्भपात और धमकाने के मामले में केस दर्ज कराया था और अब इस मामले में कोर्ट ने आरोपी प्रेमी को बरी कर दिया है। इसका आधार एक एग्रीमेंट है, जो एफआईआर से पहले हुआ था। चलिए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला..

प्रेमी-प्रेमिका के बीच हुआ एग्रीमेंट

एग्रीमेंट से पता चला कि युवती ये बात जानती है कि उसका प्रेमी शादीशुदा है, एक संतान का पिता है वह खुद के गर्भपात कराए जाने के बावजूद उसी के साथ आगे रहने को तैयार थी। बाद में उसका रुख बदला और उसने एफआईआर करा दी। लेकिन यहां ये बात खत्म नहीं हुई, दिलचस्प मोड़ तचब आया जब इन दोनों के बीच हुए एग्रीमेंट का जिक्र सामने आया। प्रेमी ने पहले ही उसे लिखकर दिया था कि वह 7 दिन पत्नी और 7 दिन उसके साथ रहेगा। लिखा पढ़ी के एक महीने के बाद एफआईआर कराई गई थी और इसी आधार पर आरोपी को दुष्कर्म, गर्भपात और धमकाने के केस से दोषमुक्त कर दिया है।

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जानें पूरा मामला

29 साल की प्रेमिका ने 27 जुलाई 2021 को भंवरकुआं थाने पर आरोपी प्रेमी चंद्रभान पंवार (34) के खिलाफ आवेदन दिया था। उसने अपने प्रेमी दुष्कर्म, गर्भपात और धमकाने के आरोप लगाए थे। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान पता चला कि एफआईआर कराने से पहले ही प्रेमी-प्रेमिका के बीच 15 जून 2021 को एक एग्रीमेंट हुआ था। इसे भी कोर्ट में पेश किया गया और इसमें आरोपी ने कहा था कि वह शादीशुदा है और युवती को जानता है। ये दोनों 2 साल से रिलेशन में हैं।

कोर्ट ने माना कि अनुबंध से ये साफ होता है कि आरोपी और पीडि़ता लिव इन रिलेशन में थे। पीडि़ता को प्रेमी के शादीशुदा होने का पता चल चुका था, बावजूद वह एग्रीमेंट के जरिए उसके साथ रहने को तैयार होती है। इसमें यह शर्त तय होती है कि आरोपी प्रेमी पीडि़ता के साथ और पत्नी के साथ 7-7 दिन रहेगा। इस जानकारी के बाद वह रिलेशन को आगे भी बढ़ाती है।

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कोर्ट का फैसला

कोर्ट में यह भी माना गया कि गर्भपात के बाद भी और शादीशुदा की जानकारी के बावजूद वह प्रेमी के साथ रही। प्रेमी के उसकी पत्नी के साथ रहने से सहमत थी, साथ ही आपस में सहमति से संबंध बने। ऐसी स्थिति में बलात्कार और गर्भपात के लिए आरोपी को दोषी नहीं माना जा सकता। जान से मारने की धमकी के संबंध में कोई सबूत नहीं दिखते हैं और इसी के साथ आरोपी चंद्रभान को कोर्ट ने आरोपों से दोषमुक्त कर दिया गया।