India News (इंडिया न्यूज़), Nuh Violence, गुरुग्राम: हरियाणा के नूंह में मेवात बृज मंडल यात्रा पर पत्थरबाजी के बाद हिंसा भड़क गई। हिंसा की खबरों के बीच फिर से एक नाम तेजी से गूंज रहा है जो है मोनू मानेसर का। रविवार को मोनू मानेसर एक वीडियो जारी कर घोषणा की थी कि वह इस यात्रा में शामिल होगा। जिसके बाद इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है। बता दें कि ये वही मोनू मानेसर है जिसका नाम इसी साल फरवरी में नासिर और जुनैद की हत्या मामले में सामने आया था।
भिवानी में एक कार के अंदर नासिर और जुनैद के जले हुए शव बरामद हुए थे। उनके परिवारवालों ने जो प्राथमिकी दर्ज करवाई उसमें मोनू का नाम भी शामिल था। परिजनों ने आरोप लगाया था कि खुद को गौरक्षक बताने वाले लोगों ने गोतस्करी के शक में जुनैद और नासिर की हत्या कर दी। मेवात के लोगों में इसे लेकर काफी ज्यादा गुस्सा था। लोगों के मुताबिक काफी वक्त से मेवात में यात्रा निकाली जा रही है। जिसे लेकर किसी को कोई आपत्ति नहीं है। लोगों को बस मोनू मानेसर के इस यात्रा में शामिल होने से आपत्ति है। फिलहाल ये पता नहीं चला है कि मोनू इस यात्रा में आया था या फिर नहीं।
बता दें कि मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है। वह खुद को गौरक्षक कहता है। उसका एक यूट्यूब चैनल भी है। इस पर वह गोतस्करों को पकड़ने के अलावा अपने वीडियोज भी अपलोड करता है। करीब 8 साल पहले बजरंग दल से जुड़ने वाला मोनू मानेसर का निवासी है। बजरंग दल से वह 2011 में जुड़ा था और आज वह बजरंग दल प्रांत गोरक्षक प्रमुख है। गोतस्करों को पकड़ने का काम वह करीब 8 सालों से कर रहा है। 2019 में गोतस्करों को पकड़ने के दौरान मोनू को गोली भी लग गई थी। वह अपने यूट्यूब चैनल पर गोहत्या और गोतस्करों के नेटवर्क को खत्म करने को लेकर चेतावनी देता रहता है।
मोनू के मुखबिरों का नेटवर्क गुरुग्राम, नूंह, सोनीपत, रेवाड़ी, पलवल, झज्जर और पानीपत समेत राज्य के कई जिलों में फैला है। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के माध्यम से भी उसे जानकारी मिलती रहती है। मवेशियों के तस्कर को पकड़कर वह पुलिस के हवाले कर देता है। नासिर और जुनैद के परिवारवालों का कहना था कि पुलिस का भी समर्थन मिलने की वजह से इलाके में उसकी दबंगई काफी ज्यादा बढ़ गई है। राजनेताओं के साथ भी उसका उठना-बैठना है। सोशल मीडिया पर कई बड़े राजनेताओं के साथ उसकी फोटोज हैं।
जन समर्थन और राजनीतिक होने की वजह से पुलिस ने उसपर कोई एक्शन नहीं लिया है। नासिर और जुनैद के परिजनों ने ये आरोप लगाया था। उस हत्याकांड से जुड़े सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई थी। मगर पुलिस की जद से मौनू काफी दूर था। सोशल मीडिया पर वह लगातार अपने वीडियो डाल रहा था। उसके गिरेबान तक पुलिस पहुंच चुकी थी। अब एक बार फिर से मोनू मानेसर का नाम दंगों के चलते सुनाई दिया है। ऐसे में ये सवाल वापस से उठ रहे हैं कि मोनू को पकड़ने में पुलिस नाकामयाब रही।
नूंह हिंसा में करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उनमें से आठ को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया। होडल के पुलिस उपाधीक्षक सज्जन सिंह के सिर में और एक इंस्पेक्टर के पेट में गोली लगी। वहीं नीरज नाम के होम गार्ड की अस्पताल में मौत हो गई। जिन वाहनों को आग लगाया गया वह पुलिस थे और कुछ जुलूस में शामिल थे। नूंह में हिंसा के बाद आसपास के जिलों में भी अलर्ट है।
हरियाणा के चार जिलों में धारा 144 लगाई दी गई है। इन जिलों में नूहं, फरीदाबाद, रेवाड़ी, पलवल और गुरुग्राम शामिल है। पलवल, फरीदाबाद और गुरुग्राम के डीएम ने मंगलवार को सभी स्कूल बंद करने का आदेश दिया है। झज्जर जिले के पुलिस कप्तान के साथ 7 डीएसपी, 12 एसएचओ समेत सैंकड़ों पुलिसकर्मी संवेदनशील इलाकों का दौरा कर रहे है।
नूंह हिंसा पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि वहां पर पर्याप्त संख्या में बल तैनात किया जा रहा है। हमने केंद्र से भी बात की है। हम वहां शांति बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। जहां-जहां पर लोग फंसे हुए हैं उन्हें बचाया जा रहा है। बता दें आज हरियाणा के नूंह जिले में दो समूहों के बीच झड़प हो गई जिसके के बाद मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गईं।
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