India News (इंडिया न्यूज़), UP News: माफिया मुख्तार अंसारी को अब तक बीते पन्द्रह महीने में अदालत ने सातवीं बार सजा सुनाई है। इसके पहले उसे गाजीपुर और राजधानी लखनऊ के अलावा वाराणसी की अदालत ने सजा सुनाई थी।कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा के अपहरण के मुकदमे की पैरवी करने पर उनके भाई व परिवार को बम से उड़ाने की धमकी देने के 26 साल पुराने मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया गया।
साढ़े पांच साल की सजा भी सुनाई गई। दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना राशि न देने पर 2 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। मुख्तार को अब तक प्रदेश की अलग-अलग अदालतें 7 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी हैं। वाराणसी की अदालत ने अन्य दूसरे मामले में सजा सुनाई है। इससे पहले अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।
अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन प्रथम) / एमपी-एमएलए (MP-MLA) कोर्ट के प्रभारी उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत ने व्यापारी और उसके परिवार को धमकाने के मामले में शुक्रवार को अंतरराज्यीय गिरोह आईएस-191 (IS-191) के सरगना मुख्तार अंसारी को दोषी पाया। अभियोजन के मुताबिक, कोयला व्यवसायी व विश्व हिंदू परिषद के तत्कालीन कोषाध्यक्ष नंद किशोर का रुंगटा का अपहरण वाराणसी स्थित उनके ऑफिस से 22 जनवरी 1997 को किया गया था। मुख्तार अंसारी गिरोह को सवा करोड़ रुपये की फिरौती देने के बाद भी नंद किशोर रुंगटा का पता नहीं लगा।
जबकि अपहृत व्यापारी के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा के अनुसार, उनके भाई के प्रकरण की सीबीआई (CBI) जांच का आवेदन मंजूर हो गया था। उसकी पैरवी कोर्ट में की जा रही थी। 5 नवंबर 1997 की शाम पांच बजे जवाहर नगर एक्सटेंशन स्थित उनके आवास के लैंडलाइन नंबर पर मुख्तार अंसारी का फोन आया।
उसने कहा कि नंद किशोर के अपहरण के बारे में तुम लोग पुलिस, कोर्ट या सीबीआई (CBI) में कहना बंद कर दो। नहीं तो तुम लोगों को और तुम्हारे परिवार को बम से उड़ा दिया जाएगा। हमारे आदमी वहां बराबर रहते हैं। पुलिस को सूचना मत करना। महावीर प्रसाद रुंगटा फोन काल धमकी से इतने डरे हुए थे कि उन्होंने तत्कालीन डीआईजी रेंज से 13 नवंबर 1997 को मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की। साथ ही कहा था कि प्रकरण को गोपनीय रखा जाए। 1 दिसंबर 1997 को भेलूपुर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज होने की उन्हें जानकारी दी गई।
अदालत में वादी के अलावा अपहृत नंद किशोर रुंगटा के 2 बेटों सहित 6 गवाहों को पेश किया गया। अदालत में अभियोजन का पक्ष संयुक्त निदेशक अभियोजन हरिकिशोर सिंह और वादी के अधिवक्ता विधानचंद यादव व ओपी सिंह ने रखा। अदालत ने गवाहों के बयान व तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए 48 पेज के आदेश दिया। अदालत ने कहा कि बांदा जेल में बंद अभियुक्त को सजायाफ्ता वारंट विशेष वाहक के जरिये भेजा जाए। अभियुक्त द्वारा जेल में बिताई गई अवधि सजा की अवधि में समायोजित की जाएगी। अभियुक्त को पूर्व में किसी प्रकरण में सजा मिली हो तो वह साथ-साथ चलेगी।
मुख्तार अंसारी को बीते पन्द्रह महीने में अदालत ने 7 बार सजा सुनाई है। इससे पहले उसे गाजीपुर और लखनऊ के अलावा वाराणसी की अदालत ने सजा सुनाई थी। वाराणसी के चेतगंज थाने के अवधेश राय हत्याकांड में 32 वर्ष बाद 5 जून 2023 को अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया।15 दिसंबर 2023 को वाराणसी के भेलूपुर थाने में धमकाने के आरोप में दर्ज मुकदमे में पर मुख्तार अंसारी दोषी पाया गया। मुख्तार अंसारी को साढ़े पांच साल की सजा और दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
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