India News (इंडिया न्यूज),Karthikeya Chauhan: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान आज सीहोर के कोसमी, भेरुंदा में विकास भारत संकल्प यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर उन्हें अपने किए गए वादों को पूरा करने के लिए अपनी सरकार से लड़ना पड़ा तो कार्तिकेय उसके लिए भी तैयार हैं। मैं कोई नेता नहीं हूं, मेरी राजनीति में आने की कोई इच्छा नहीं है, नहीं पापा, मैं आपसे वोट मांगने आया हूं और आपसे किए गए वादों को पूरा करने के लिए अगर मुझे सरकार से लड़ना भी पड़ा तो कार्तिकेय इसके लिए पीछे नहीं हटेंगे। बहुत। हालांकि ऐसा नहीं होगा, सरकार हमारी है, सभी वादे पूरे किये जायेंगे।

कार्तिकेय चौहान द्वारा हितग्राहियों को लाभ वितरण किया गया

जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान सीहोर के भेरुंदा पहुंचे थे। जहां विकसित भारत संकल्प यात्रा के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। वहीं कार्तिकेय चौहान द्वारा हितग्राहियों को लाभ वितरण किया गया, जिसे संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र कार्तिकेय चौहान ने भी वादे पूरे नहीं होने पर अपनी पार्टी के खिलाफ जाने की बात कही।

कार्तिकेय चौहान ने क्या कहा?

कार्तिकेय चौहान ने कहा कि मैं कोई नेता नहीं हूं। मेरी राजनीति में आने की कोई इच्छा नहीं है। इसके बाद भी आप लोग मेरा सम्मान करते हैं, इसलिए मैं कुर्ता पहनकर आपके बीच आया हूं। मैं वोट मांगने आया था लेकिन पापा अब मुख्यमंत्री नहीं हैं और ऐसे में अगर आपके बीच नहीं आऊंगा तो रात को चैन से सो नहीं पाऊंगा। मैं उस समय आपसे जो वादा किया था उसे पूरा करने आया हूं और इसे पूरा करने के लिए मैं किसी भी हद तक जा सकता हूं। सबसे पहली बात तो ये कि लड़ने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हमारी अपनी सरकार है। लेकिन अगर उन्हें युद्ध करना पड़ा तो कार्तिकेय उसके लिए भी तैयार हैं।

यहां 20 साल बाद सत्ता में लौटी सरकार- कार्तिकेय

कार्तिकेय चौहान ने कहा कि आपके भाई शिवराज जी ने इस चुनाव में इतनी मेहनत की जो किसी के लिए संभव नहीं है, आपको गर्व होना चाहिए। हमारे बीच के व्यक्ति ने 20 साल की सरकार के बाद दोबारा सरकार दोहराई है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना समेत कई राज्यों में चुनाव हुए। सभी राज्यों में सरकारें उखाड़ फेंकी गईं। सरकार गिरी, कहीं कांग्रेस तो कहीं दूसरी सरकारें आईं। लेकिन मध्य प्रदेश ही एक ऐसा राज्य था, जहां 20 साल की सत्ता के बाद जब सरकार लौटी तो प्रचंड बहुमत के साथ आई। पूरे देश की आंखें फटी की फटी रह गईं।

यह भी पढ़ेंः-