Terrorist Organizations In Kashmir
इंडिया न्यूज, जम्मू:

आज जम्मू संभाग के पुंछ जिले में आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के 5 जवान शहीद हो गए हैं। हालांकि सेना ने सभी आतंकियों को घेर रखा है। लेकिन देश में अशांति और अस्थिरता लाने के लिए पाकिस्तान नित नए हथकंडे अपना रहा है। अब एक नया फ्रंट बनाकर कश्मीर के युवाओं को औजार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है जब पाकिस्तान समर्थित दहशतगर्दों ने नापाक हरकत की हो। इससे पहले भी पाकिस्तान के सपौले घाटी की अमन शांति भंग करने के लिए सुरक्षा बलों को निशाना बनाते रहे हैं। इस बार आतंकी बाहर से नहीं बल्कि स्थानीय युवाओं का इस्तेमाल करने का काम कर रहे हैं। आज कल दहशतगर्द सेना के साथ-साथ आम घाटी के अल्पसंख्यकों की भी हत्याएं करने लगे हैं।

नई भर्तियां करने में जुटे आतंकी संगठन

पाकिस्तान की धरती से कश्मीर को सुलगाने की कोशिशें एक बार फिर से शुरू होती जा रही हैं। आतंक के आका सुनियोजित तरीके से घाटी को एक बार फिर से दहलाने की नापाक इरादे लिए काम करने लगे हैं। पहले जहां सीमा पार से दहशतगर्दों को भेजा जाता रहा है।

सूत्रों के मुताबिक चुनिंदा लोगों की हत्याएं करवाकर अब कश्मीरी युवाओं को संगठन में शामिल करने की साजिशें रची जा रही हैं। जैसा कि पिछले दिनों देखने को भी मिला है। जब कई बेगुनाह लोगों पर गोलियां बरसा कर मौत के घाट उतार दिया गया। मंसूबे कामयाब होने पर इनको अपने साथ मिला कर वापस सामान्य कर दिया जाता है। इस तरह से यहां के युवाओं को एक टूल की तरह इस्तेमाल कर हाथों में हथियार थमा कर नए मिशन पर भेजने के अंदेशे जताए जा रहे हैं।

अफगान में तालिबानी जीत कहीं भारत के लिए खतरा तो नहीं

सुरक्षा विशेषज्ञों की बात करें तो वह इस तरह की घटनाओं के पीछे कई वजह मान रहे हैं। इसमें से एक वजह हाल ही में अफगान पर तालिबानी जीत भी मानी जा रही है। वहीं कुछ सप्ताह के बाद घाटी में बर्फबारी शुरू हो जाएगी, तब भारत में घुसने के उनके मंसूब कामयाब नहीं हो सकते। तीसरा यह है कि जब से घाटी में धारा 370 का अंत हुआ है तब से दहशतगर्द और उनके आकाओं की नींद उड़ हुई है। घाटी में सेना द्वारा चलाए जा रहे आपरेशन आल आउट ने आतंकियों का फन कुचल दिया है। जिसके चलते पाकिस्तान में बैठे आकाओं ने कश्मीरी युवाओं को ही इस्तेमाल करने का काम शुरू कर दिया है जैसे की तालिबान ने अफगान में किया था।

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