India News (इंडिया न्यूज़), Arun Kumar Chaturvedi, Lucknow: लखनऊ के एसजीपीजीआई में उत्तर प्रदेश के साथ कई राज्यों से सबसे ज्यादा मरीज आते हैं। लेकिन बेड की कमी की वजह से मरीज को इलाज नहीं मिल पाता है। जिसकी वजह से मरीजों को दूसरे अस्पताल जाना पड़ता है, लेकिन प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने ऐलान किया है कि, अब पीजीआई में जल्द डॉक्टर समेत डेढ़ की संख्या बढ़ाई जाएगी।

पीजीआई में इस समय कम हैं इमरजेंसी बेड

एसपीजीआई में जल्द ही बेड-डॉक्टर बढ़ाए जाएंगे। स्ट्रेचर या एंबुलेंस से आए गम्भीर मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती किया जाएगा। चिकित्सा, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक ने विधान परिषद में यह आश्वासन दिया है।
उन्होंने कहा कि, पीजीआई में इस समय इमरजेंसी में बेड कम हैं। हम इसे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। पीजीआई के निदेशक को इस बारे में निर्देश देंगे कि वे नए आने वाले गम्भीर मरीजों के इलाज के लिए व्यवस्था बढ़ाएं,, विधानसभा में सपा के डॉ. मान सिंह यादव ने एसजीपीजीआई में गंभीर मरीजों को भी भर्ती नहीं करने का मामला उठाते हुए कहा था कि, पीजीआई समेत बड़े अस्पतालों में गंभीर मरीज भर्ती न होने से दम तोड़ रहे हैं।

अस्पतालों में वीआईपी हेल्प डेस्क

सरकारी अस्पतालों से लगातार जनप्रतिनिधि, एमएलसी ,सांसद के प्रति अस्पताल प्रशासन की लापरवाही होने पर, डिप्टी सीएम ने कहा कि अस्पतालों, संस्थानों में जनप्रतिनिधि, सांसद, विधायक, परिषद सदस्यों के लिए हेल्प डेस्क बनाए जाएंगे। संचालन 24 घंटे होगा। लखनऊ के हर अस्पताल, चिकित्सा संस्थानों में अलग वीआईपी काउन्टर होगा। यहां पीआरओ की तैनाती होगी। उनका नाम – मोबाइल नम्बर भी काउंटर पर भी दर्ज होगा।

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