Shiv Sena Crisis: एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को चुनाव आयोग द्वारा असली शिवसेना मानने के एक दिन बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने नेताओं के साथ आज बैठक की है। इस बैठक में ये तय हुआ कि पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को उनका चुनाव चिन्ह चोरी होने की बात बताएंगे। पार्टी के भविष्य को देखते हुए आज ये बैठक की गई। उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री में यह बैठक हुई। इस बैठक में पार्टी नेता और प्रवक्ताओं समेत सभी बड़े नेता शामिल थे।

शिवसेना पर ठाकरे परिवार का नियंत्रण अब खत्म!

चुनाव आयोग का ये फैसला उद्धव ठाकरे गुट के लिए एक बड़ा झटका है। चुनाव आयोग ने बीते दिन शुक्रवार को ‘शिवसेना’ नाम और इसका चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर’ एकनाथ शिंदे गुट को देने का निर्णय लिया है। बाल ठाकरे द्वारा बनाई गई शिवसेना पर ठाकरे परिवार का नियंत्रण अब खत्म माना जा रहा है। एकनाथ शिंदे ने 6 महीने पहले चुनाव आयोग में याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद अब तीन सदस्यों वाले आयोग ने शिंदे के पक्ष में फैसला सुनाया है।

संख्या बल के आधार पर आयोग ने लिया फैसला

बता दें कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास पार्टी के 55 विधायकों में से 40 विधायकों का साथ है। इसके साथ ही 18 लोकसभा सांसदों में से 13 का समर्थन है। चुनाव आयोग ने संख्या बल के आधार पर शिंदे गुट को असली शिवसेना माना है। अपने फैसले पर आयोग ने कहा, पार्टी के 55 विधायकों में से 40 शिंदे गुट का समर्थन कर रहे है। जिस वजह से 47,82,440 वोटों में से 36,57,327 वोट जो कि कुल वोटों का 76 परसेंट है। इसका समर्थन भी शिंदे गुट के पास ही है। वहीं उद्धव ठाकरे गुट के पास मात्र 15 विधायक हैं।

आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगें ठाकरे

शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को देश के लिए खतरनाक बताया है। इसके साथ ही चुनाव आयोग के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने को कहा है। वहीं एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग के इस फैसले को सच और लोगों की जीत बताया है।

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