India News(इंडिया न्यूज), Andhra Pradesh CPR Video: आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक 6 साल के बच्चे को जोरदार बिजली का झटका लगा और वह बेहोश हो गया। इसके बाद बच्चे के पिता उसे अस्पताल ले जाने के लिए सड़क पर परेशान और रोते हुए नजर आए। तभी वहां से गुजर रही एक महिला डॉक्टर की नजर बच्चे पर पड़ी।

बिना कोई समय बर्बाद किए, डॉक्टर ने स्थिति का आकलन किया और तुरंत रुक गए और, लड़के की स्थिति (सांस न लेना और कमजोर नाड़ी) की गंभीरता को समझते हुए, सड़क के किनारे कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) शुरू कर दिया। पांच मिनट बाद लड़के की सांसें फिर चलने लगीं।

फिर लड़के को पास के अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। 24 घंटे की निगरानी अवधि के बाद लड़के को भी छुट्टी दे दी गई। इस घटना का वीडियो पत्रकार सुधाकर उडुमुला ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है, जिसे अब तक लाखों लोग देख चुके हैं। वहीं, सैकड़ों प्रतिक्रियाएं भी आ चुकी हैं।

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सीपीआर क्या है?

सीपीआर यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन एक प्रकार की प्राथमिक चिकित्सा है। यह तब दिया जाता है जब किसी पीड़ित को सांस लेने में परेशानी होती है या उसकी सांसें रुक रही होती हैं और वह बेहोश हो जाता है। ऐसा करने से उसकी जान बचाई जा सकती है।

सीपीआर किन अवसरों पर दिया जाना चाहिए?

बिजली का झटका लगने, डूबने और दम घुटने जैसी स्थिति में मरीज को सीपीआर देकर राहत दी जा सकती है। वहीं, दिल का दौरा पड़ने पर जितनी जल्दी सीपीआर दिया जाए, उतना बेहतर होगा। ऐसा करने से मरीज की जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

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