Navjot Singh Sidhu’s Journey From Cricket To Politics
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली
नवजोत सिंह सिद्दू का क्रिकेट से लेकर राजनीति तक विवादों का साया अक्सर रहा है, बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू का जन्म पंजाब के जिला पटियाला जिले में हुआ था। वे 1983 से 1999 तक वे क्रिकेट के मजे हुए खिलाड़ी रहे। क्रिकेट से संन्यास के बाद इन्होंने राजनीति में कदम रखा। सबसे पहले उन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में लोकसभा का टिकट मिया। 2004 में भाजपा की टिकट पर अमृतसर की लोकसभा सीट से सांसद निुयक्त हुए। उन पर एक व्यक्ति की गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाकर मुकदमा भी चला जिसमें कोर्ट ने उन्हें 3 साल की सजा भी सुनाई थी। जिसके बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से तत्काल त्यागपत्र देकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट द्वारा निचली अदालत की सजा पर रोक लगाने के पश्चात उन्होंने दोबारा उसी सीट से चुनाव लड़ा और सीधे मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी व पंजाब के वित्त मंत्री सुरिन्दर सिंगला को भारी मतों से हराया। सिद्धू पूर्णतया शाकाहारी हैं। पत्नी की बात करें तो संयोग से उनकी पत्नी का नाम भी नवजोत है। नवजोत कौर पेशे से चिकित्सक हैं।
राजनीति में आने से पहले 1988 में नवजोत सिद्धू को एक व्यक्ति गुरनाम सिंह की इरादतन हत्या के मामले में सह-आरोपी बनाया गया था। जिस कारण उन्हें पटियाला पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। उन पर आरोप यह था कि उन्होंने गुरनाम सिंह की हत्या में मुख्य आरोपी भूपिन्दर सिंह संधू का साथ दिया है, जबकि सिद्धू ने इन आरोपों को निराधार बताया था। सिद्धू ने कोर्ट में यह दलील दी थी कि वह इस मामले में पूरी तरह निर्दोष हैं, उन्हें झूठा फंसाया गया है।
वहीं एक मामले में भी दिसम्बर 2006 में अदालत के अंदर उन पर मुकदमा चलाया गया। बता दें कि नवजोत को सड़क पर हुए झगड़े में एक व्यक्ति को गहरी चोट पहुंचाकर उसकी गैर इरादतन हत्या के लिए भी तीन साल कैद की सजा सुनाई गई। सजा का आदेश होते ही उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से जनवरी, 2007 में त्यागपत्र देकर उच्चतम न्यायालय में याचिका लगा दी। होईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दी गई सजा पर रोक लगाते हुए फरवरी 2007 में सिद्धू को अमृतसर लोकसभा सीट से दोबारा चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी।
नवजोत सिंह सिद्धू ने सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अमृतसर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 2004 का लोकसभा चुनाव जीता। इसके बाद 2007 में हुए उप-चुनाव में सिद्दू ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के पंजाब राज्य के पूर्व वित्त मंत्री सुरिन्दर सिंगला को भारी मतों से हराया और अमृतसर की सीट पुन: हथियाई। 2009 के आम चुनाव में उन्होंने भारी जीत हासिल की। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ओम प्रकाश सोनी को 6858 वोटों से हराकर अमृतसर की सीट पर तीसरी बार विजय हासिल की। तब से लेकर आज तक वे अमृतसर की लोकसभा सीट से जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों में पंजाब कांग्रेस की राजनीति पर पूरे देश की निगाह टिकी हुई है, क्योंकि कांग्रेस आलाकमान द्वारा पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर से त्याग पत्र मांग लिया था, जिस पर कैप्टन ने भी कहा था कि आलाकमान ने उन्हें अपमानित किया है जिस पर उन्होंने 18 सितंबर को अपने सीएम पद से रिजाइन दे दिया था। कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब सीएम चरणजीत चन्नी को नियुक्त किया गया था। जिसके बाद कैबिनेट में कई चेहरे सामने आए जिस पर नवजोत सिद्दू काफी नाराज हैं। इसी नाराजगी में सिद्दू ने 28 सितंबर को इस्तीफा दे दिया, हालांकि कांग्रेस ने फिलहाल उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया।
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